फसल में जिंक, सल्फर, आयरन, कैल्शियम जैसे 10 आवश्यक तत्वों की कमी से बीमारियां फैलती हैं, जिससे उपज प्रभावित होती है. खेती शुरू करने से पहले इन तत्वों की जांच कराना जरूरी है.
पिछले कुछ दिनों में उत्तर भारत के अलग- अलग जगहों पर आग का तांडव देखने को मिला है. इस आग की कहर का प्रकोप लखनऊ से लुधियाना, सिरसा से ग्वालियर तक देखने को मिला है. आग के इस प्रकोप से गेहूं की फसलें राख हो गई हैं. किसान बेबस हो कर अब सरकार की राह देख रहे हैं.
रूबीना जम्मू कश्मीर के बड़गाम जिले के यारी कलान गांव की है. साल 2006 में रूबीना ने तीन एकड़ जमीन पर लैवेंडर की खेती शुरू की. आज उनका काम 80 एकड़ तक फैल गया है.
ये कीट पत्तियों को खुरचकर खाते हैं. इसके साथ ही धागे से पत्तियों को मोड़ देते हैं. इससे पत्तियां सफेद और झुलसी हुई दिखती हैं, जिससे फसल की ग्रोथ प्रभावित होती है.
प्लास्टिक स्क्रबर की जगह अब लोग लूफा को पसंद कर रहे हैं क्योंकि यह जैविक होता है और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाता.
गन्ना विकास विभाग ने फील्ड निरीक्षण की निगरानी के लिए नया पोर्टल लॉन्च किया है, जिससे कार्यों में पारदर्शिता और गति आएगी. इस पोर्टल के ज़रिए किसानों से सीधा संवाद संभव होगा और विभागीय अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय होगी.