गर्मी का मौसम आते ही बाजारों में हर तरफ नजर आता है लाल मीठा गूदे वाला, ठंडक और पानी से भरपूर तरबूज. ये न सिर्फ प्यास बुझाता है बल्कि शरीर को अंदर से ठंडा भी रखता है. इसमें लगभग 90% पानी होता है, जो हमें डिहाइड्रेशन से बचाता है. साथ ही इसमें विटामिन C, विटामिन A और जरूरी एंटीऑक्सिडेंट्स भी होते हैं, जो हमारी स्किन और इम्यूनिटी का ख्याल रखते हैं.
लेकिन जैसे-जैसे तरबूज की मांग बढ़ती है, बाजार में मिलावट का सिलसिला शुरू हो जाता है. अक्सर कच्चे तरबूज को लाल दिखाने या जल्दी पकाने के लिए केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है. ये दिखने में जरूर लाल और ताजें हों, लेकिन अंदर से आपकी सेहत बिगाड़ सकते हैं.
तमिलनाडु में जब्त खराब तरबूज
हाल ही में तमिलनाडु के तिरुपुर में खाद्य सुरक्षा विभाग ने छापा मारकर 2,000 किलो से ज्यादा मिलावटी तरबूज जब्त किए. ये तरबूज सिंथेटिक रंगों और केमिकल से पकाए गए थे. जो खाने वाले लोगों की सेहत को बिगाड़ सकते थे.
कैसे की जाती है तरबूज में मिलावट?
कुछ व्यापारी तरबूज को और भी लाल और मीठा दिखाने के लिए उसमें एरिथ्रोसिन नामक सिंथेटिक रंग का इस्तेमाल करते हैं. ये रंग तरबूज के इंदर इंजेक्शन की मदद से डाला जाता है या पानी में घोलकर उसमें भरा जाता है. इसके अलावा कच्चे तरबूजों को कार्बाइड नामक केमिकल से जबरन पकाया जाता है, जिससे वो जल्द तैयार हो जाएं.
मिलावटी तरबूज के नुकसान
अगर कोई व्यक्ति बार-बार मिलावटी तरबूज खा रहा है, तो उसके शरीर में धीरे-धीरे जहर जमा होने लगता है. इससे कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं, जैसे पेट दर्द, उल्टी या दस्त, स्किन पर रैशेज या खुजली, सांस लेने में दिक्कत, लिवर और किडनी पर असर और पाचन तंत्र कमजोर होना. तरबूज खने के बाद कुछ लोगों पर इसका असर तुरंत हो जाता है. लेकिन अधिकतर मामलों में इन जहरीले फलों का असर बाद में दिखाई देता है.
कैसे पहचानें मिलावटी तरबूज?
जरूरी नहीं है कि बाजार में मिलने वाला हर तरबूज मिलावटी हो, लेकिन अब आप जब भी तरबूज खरीदने जाएं, तो कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें, इसकी मदद से आपको मिलावटी तरबूज को पहचानने में आसानी होगी.
छिलका बहुत चमकदार न हो- नेचुरल तरबूज का छिलका हल्का खुरदरा और मैट लुक वाला होता है.
गूंज की आवाज- तरबूज को हल्के से थपथपाएं, अगर खाली गूंज जैसी आवाज आए तो समझिए अंदर से पका है.
बहुत ज्यादा लाल गूदा न हो- अगर गूदा जरूरत से ज्यादा चमकीला या गाढ़ा लाल है, तो उसमें रंग मिलाया जा सकता है.
कटे हुए फल न खरीदें- खुले में कटे फल धूल और बैक्टीरिया के संपर्क में आ जाते हैं, जिससे इंफेक्शन हो सकता है.
छिलके पर सफेद पाउडर या धूल न हो- यह कार्बाइड के इस्तेमाल का संकेत हो सकता है.
मिलावट करने वालों पर कार्रवाई है?
तरबूज या किसी भी खाने की चीज में मिलावट करना अपराध है. नए कानून BNS की धारा 149 के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचता है, तो उसे 6 महीने की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं. इसके साथ ही अगर मिलावटी तरबूज खाने से किसी की तबीयत खराब हो जाती है, तो विक्रेता से मुआवजा भी वसूला जा सकता है और उसकी दुकान या व्यापार लाइसेंस रद्द हो सकता है.