हर साल की तरह, इस साल भी 1 अप्रैल से कुछ नए नियम लागू होने जा रहे हैं. ये नियम आपकी रोजमर्रा की जिंदगी और कारोबार पर सीधा असर डाल सकते हैं. इन बदलावों में बैंकिंग, LPG-CNG की कीमतों से लेकर ATM ट्रांजैक्शन शुल्क, डेबिट कार्ड सुविधाओं, और टैक्सेशन नियमों तक कई महत्वपूर्ण बदलाव शामिल हैं. आइए जानते हैं कि 1 अप्रैल से लागू होने वाले ये 10 नए नियम आपके लिए कितने जरूरी हैं और इनका आपकी जेब पर क्या असर पड़ेगा?
1. LPG, CNG और ATF की कीमतों में बदलाव
1 अप्रैल 2025 से हर महीने की शुरुआत में LPG (गैस सिलेंडर), CNG (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस), और ATF (एविएशन टर्बाइन फ्यूल) की कीमतों में बदलाव हो सकता है. यह बदलाव पूरी तरह से तेल कंपनियों और सरकार के फैसले पर निर्भर करेगा. खासकर LPG की कीमतें घरेलू बजट पर असर डाल सकती हैं. कुछ महीनों में कीमतें घट सकती हैं, वहीं कभी-कभी बढ़ भी सकती हैं. इससे आपके घरेलू खर्चों में उतार-चढ़ाव हो सकता है.
2. बैंकिंग सुरक्षा: पॉजिटिव पे सिस्टम का लागू होना
बैंकिंग धोखाधड़ी को रोकने के लिए 1 अप्रैल से “पॉजिटिव पे सिस्टम” लागू किया जाएगा. इस प्रणाली के तहत, 5,000 रुपये या उससे अधिक के चेक पेमेंट के लिए आपको चेक नंबर, तिथि, राशि, और पेयी का नाम वेरिफाई करना होगा. यह सिस्टम चेक धोखाधड़ी को रोकने में मदद करेगा, जिससे आपको अपनी बैंकिंग सुरक्षा को लेकर ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
3.ATM से पैसे निकालने की नीति में बदलाव
1 अप्रैल 2025 से ATM से पैसे निकालने के नियमों में भी बदलाव हो रहा है. अब आप हर महीने केवल तीन बार ही दूसरे बैंकों के ATM से निशुल्क पैसे निकाल सकते हैं. इसके बाद, अतिरिक्त शुल्क लागू होगा. 1 मई से, यदि आप फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन करते हैं, तो 2 रुपये का अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा. ATM से पैसे निकालने की सीमा में ये बदलाव आपके मासिक खर्चों को प्रभावित कर सकते हैं.
4. मिनिमम बैलेंस में बदलाव
भारतीय बैंकों द्वारा मिनिमम बैलेंस के नियमों में बदलाव किया जा रहा है. अब आपको अपने बैंक अकाउंट के अनुसार क्षेत्र (गांव, शहर, टियर 1, टियर 2) के आधार पर न्यूनतम बैलेंस रखना होगा. अगर आप निर्धारित न्यूनतम बैलेंस नहीं रखते हैं, तो अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है. यह बदलाव छोटे और ग्रामीण क्षेत्रों के ग्राहकों को प्रभावित कर सकता है, क्योंकि उन्हें अब अपनी खाते की स्थिति पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता होगी.
5. RuPay डेबिट कार्ड में नए फीचर्स
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) 1 अप्रैल से अपने RuPay डेबिट कार्ड में कई नए फीचर्स जोड़ेगा. इनमें एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस, ट्रैवल और हेल्थ इंश्योरेंस, और फिटनेस और वेलनेस सेवाएं शामिल होंगी. यह कार्ड भारतीय यूजर्स को ज्यादा सुविधाएं प्रदान करेगा, खासकर यात्रा और हेल्थ इंश्योरेंस के मामले में.
6. सीनियर सिटीजन के लिए TDS में राहत
अब सीनियर सिटीजन (60 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले व्यक्तियों) के लिए TDS (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) की सीमा बढ़ाकर ₹1 लाख कर दी गई है, जो पहले ₹50,000 थी. इसका मतलब यह है कि अब सीनियर सिटीजन को ब्याज से होने वाली कमाई पर राहत मिलेगी. इससे उन्हें कम TDS का भुगतान करना पड़ेगा. यह बदलाव बुजुर्गों के लिए कारोबारी राहत का कारण बनेगा.
7. विदेशी लेन-देन पर TCS में संशोधन
विदेशी लेन-देन (international transactions) पर TCS (टैक्स कलेक्शन एट सोर्स) की सीमा अब ₹7 लाख से बढ़ाकर ₹10 लाख कर दी गई है. इसका मतलब यह है कि विदेश यात्रा करने वाले लोग और अंतरराष्ट्रीय लेन-देन करने वाले व्यक्तियों को अब अधिक राहत मिलेगी, क्योंकि उनके द्वारा की जाने वाली विदेशी ट्रांजैक्शन्स पर टैक्स रेट में कमी आएगी.
8. एजुकेशन लोन पर TCS हटाया गया
1 अप्रैल से एक महत्वपूर्ण बदलाव यह होगा कि एजुकेशन लोन पर TCS (टैक्स कलेक्शन एट सोर्स) को हटा दिया गया है. पहले ₹7 लाख या उससे अधिक के एजुकेशन लोन पर 5% TCS लगाया जाता था. अब, छात्रों और उनके परिवारों को इस अतिरिक्त टैक्स का भुगतान नहीं करना पड़ेगा, जिससे शिक्षा के लिए लिए गए लोन की लागत कम हो जाएगी.
9. मकान मालिकों को राहत
अब मकान मालिकों के लिए किराए पर TDS कटौती की सीमा को ₹2.4 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख सालाना कर दिया गया है. इस बदलाव से उन लोगों को राहत मिलेगी जो किराए से कमाई करते हैं, क्योंकि उन्हें अब कम TDS देना पड़ेगा. इससे किराएदारों और मकान मालिकों दोनों को फायदा होगा.
10. डिविडेंड और म्यूचुअल फंड पर TDS में राहत
अब डिविडेंड और म्यूचुअल फंड से होने वाली कमाई पर TDS की सीमा ₹5,000 से बढ़ाकर ₹10,000 कर दी गई है. इसका मतलब यह है कि जिन निवेशकों को डिविडेंड या म्यूचुअल फंड से फायदा होता है, उन्हें अब TDS की अधिक राशि नहीं कटेगी, और यह निवेशकों के लिए फायदेमंद साबित होगा.