ट्रैक्टर के टायर खेती और भारी कामों के लिए बनाए जाते हैं, लेकिन कई बार इनमें दरारें आ जाती हैं, जिससे टायर की लाइफ कम हो जाती है और इसकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है. यदि सही समय पर ध्यान न दिया जाए, तो यह बड़ी समस्या बन सकती है. आइए जानते हैं कि ट्रैक्टर के टायर में दरारें क्यों आती हैं और इनसे बचने के आसान उपाय क्या हैं.
ट्रैक्टर के टायर में दरारें आने के कारण:
मौसम का असर
लंबे समय तक ट्रैक्टर को तेज धूप में खड़ा रखने से टायर की रबर कठोर होने लगती है, जिसके कारण टायरों में दरारें आ सकती हैं. इसके साथ ही बारिश और ठंड का भी टायर पर प्रभाव पड़ता है.
हवा का दबाव
अगर टायर में हवा का दबाव बहुत ज्यादा या बहुत कम होता है, तो यह रबर पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे दरारें पड़ सकती हैं.
पुराना और खराब गुणवत्ता का टायर
पुराने टायरों की रबर समय के साथ कमजोर हो जाती है. इसके अलावा, यदि टायर की गुणवत्ता अच्छी नहीं है, तो वे जल्दी फट सकते हैं.
ओवरलोडिंग
अगर ट्रैक्टर की क्षमता से अधिक उसपर भार लादा जाए, तो टायर पर अधिक दबाव पड़ता है और उनमें दरारें आ सकती हैं.
गलत सतह
ट्रैक्टर को बहुत कठोर या पथरीली सतह पर चलाने से टायर जल्दी घिस सकते हैं और उनमें दरारें पड़ सकती हैं.
ट्रैक्टर के टायर को दरारों से बचाने के आसान उपाय:
–ट्रैक्टर को हमेशा छायादार या बंद जगह पर खड़ा करें, ताकि तेज धूप से टायर की रबर सुरक्षित रहे.
–टायर में न तो ज्यादा हवा भरें और न ही बहुत कम. समय-समय पर हवा के दबाव की जांच करें.
–हमेशा भरोसेमंद ब्रांड के उच्च गुणवत्ता वाले टायर ही खरीदें, ताकि वे लंबे समय तक टिकाऊ रहें.
–ट्रैक्टर पर उसकी निर्धारित क्षमता से अधिक भार न डालें, ताकि टायर पर अतिरिक्त दबाव न पड़े.
–टायर की नियमित रूप से सफाई करें और उनमें किसी भी प्रकार की दरारें या क्षति को समय पर ठीक कराएं.
–टायर की सुरक्षा के लिए विशेष प्रकार के टायर कंडीशनर या प्रोटेक्टर का उपयोग करें, जो रबर को लचीला बनाए रखते हैं.