स्मार्ट खेती क्या है और क्यों पड़ी इसकी जरूरत.. कृषि में टेक्नोलॉजी का भविष्य

स्मार्ट फार्मिंग खेती को तकनीक से जोड़कर उत्पादन बढ़ाती है और संसाधनों की बर्बादी घटाती है. ड्रोन, सेंसर और AI के जरिए किसान सटीक फैसले लेते हैं, जिससे मुनाफा बढ़ता है और पर्यावरण सुरक्षित रहता है.

Noida | Updated On: 31 Mar, 2025 | 11:41 AM

अब वो दौर गया जब किसान केवल अपने अनुभव और मौसम के अनुमान के भरोसे फसल उगाते थे. अब खेती में टेक्नोलॉजी का दखल बढ़ रहा है और यह बदलाव महज सुधार नहीं, बल्कि एक क्रांति है. जिसे अंग्रेजी में Precision Agriculture यानि सटीक कृषी कहा जाता है. जो कि अब तेजी से किसानों का सबसे बड़ा हथियार बन रही है.

क्या है स्मार्ट खेती?

स्मार्ट खेती यानी खेतों का हाई-टेक मेकओवर. ड्रोन आसमान से खेतों की निगरानी कर रहे हैं, सेंसर मिट्टी की नमी बता रहे हैं, जीपीएस ट्रैक्टर को रास्ता दिखा रहा है, और AI डेटा का खेल खेलकर बता रहा है कि पानी कब डालना है, खाद कब डालनी है. पहले किसान खेत में घूमकर अंदाजा लगाते थे, अब मोबाइल पर एक बटन दबाइए और सारी जानकारी आपके सामने. ये है स्मार्ट खेती. कम मेहनत, ज्यादा दिमाग.

क्यों पड़ी इसकी जरूरत?

सोचिए, 2050 तक दुनिया की आबादी 9 अरब के पार होगी. खाने की डिमांड 60% बढ़ेगी. पुराने तरीकों से इतना अनाज कहां से आएगा? पानी कम है, जमीन सीमित है, और जलवायु बदल रही है. यहां स्मार्ट खेती गेमचेंजर बनकर आती है. स्मार्ट सिंचाई से पानी बचेगा, ड्रोन से कीटों पर नजर रहेगी, और रोबोट कटाई कर देंगे. मतलब, कम संसाधनों में ज्यादा पैदावार का जादू.

फायदे क्या-क्या?

इससे किसान मौसम,मिट्टी की नमी और फसल की हालत का सटीक डेटा पाकर समय पर सही फैसले ले सकते हैं. जिससे उपज और गुणवत्ता दोनों सुधरती है. संसाधनों का सही उपयोग होने से खाद और पानी की जरूरत का पता चलता है जिससे लागत घटती है और मुनाफा बढ़ता है. रोबोट और ऑटोमेटेड सिस्टम से बुआई, कटाई और निगरानी में इंसानी गलतियां कम होगी. सेंसर और AI जलवायु बदलावों को भांपकर अलर्ट देते हैं ताकि फसलों को समय रहते बचाया जा सके.

भविष्य का सीन क्या है?

स्मार्ट खेती से किसान अब सिर्फ हल चलाने वाला नहीं, डेटा का खिलाड़ी बन जाएगा. खेत की हर हरकत मोबाइल पर. एआई सलाह देगा, ड्रोन रिपोर्ट देगा, और किसान फैसला लेगा. ये खेती का नया अवतार है,जहां मेहनत के साथ टेक्नोलॉजी की ताकत है. भारत में भी डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन इसे बढ़ावा दे रहा है. लेकिन चुनौती है—पैसे की, ट्रेनिंग की, और गांवों में इंटरनेट की. फिर भी,जो इस खेल को समझ गया,वही आगे निकलेगा.

Published: 30 Mar, 2025 | 05:40 PM