किसानों के लिए खेती में कितनी फायदेमंद है ड्रोन टेक्नोलॉजी? जानें इसके फायदे

ड्रोन की मदद से किसान फसल की सेहत, मिट्टी की नमी और उर्वरकों की जरूरत को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं.

Noida | Updated On: 8 Apr, 2025 | 07:31 AM

भारतीय किसानों को खेती में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे संसाधनों की कमी, अनिश्चित मौसम और पारंपरिक तरीकों की सीमाएं. इन समस्याओं से निपटने के लिए अब किसान आधुनिक तकनीकों की ओर बढ़ रहे हैं, जिनमें ड्रोन तकनीक एक बड़ा बदलाव ला सकती है. तो आइए जानते हैं कैसे किसानों के लिए फायदेमंद बन सकती है ड्रोन तकनीक.

कैसे मददगार है ड्रोन तकनीक?

ड्रोन की मदद से किसान फसल की सेहत, मिट्टी की नमी और उर्वरकों की जरूरत को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं. इससे जल संसाधनों का सही इस्तेमाल होता है और सिंचाई की प्रक्रिया सुधरती है. इसके अलावा, कीटनाशकों और उर्वरकों का छिड़काव भी सुरक्षित और प्रभावी तरीके से किया जा सकता है, जिससे मजदूरों पर निर्भरता कम होती है और लागत घटती है.

दुनिया में कैसे हो रहा है ड्रोन का इस्तेमाल?

दुनिया भर में ड्रोन तकनीक खेती में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है. अमेरिका में ड्रोन की मदद से सटीक सिंचाई की जाती है, जिससे पानी की बचत होती है और फसलों को सही मात्रा में नमी मिलती है. अफ्रीका के मलावी जैसे देशों में ड्रोन का उपयोग कीट नियंत्रण में किया जा रहा है, जिससे फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों पर जल्दी और प्रभावी तरीके से काबू पाया जा सकता है.

वहीं, जापान में धान की खेती में ड्रोन का इस्तेमाल हो रहा है, जिससे रोगों की जल्दी पहचान और सटीक उर्वरक छिड़काव के जरिए उत्पादन में बढ़ोतरी हो रही है. इन देशों में ड्रोन तकनीक ने खेती को अधिक उन्नत और प्रभावी बना दिया है, जिससे किसानों को बेहतर नतीजे मिल रहे हैं.

भारत में ड्रोन तकनीक के लिए सरकारी योजनाएं

भारत में ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. किसानों को ड्रोन अपनाने में मदद करने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. PLI योजना के तहत ₹120 करोड़ की सहायता दी जा रही है, जिससे घरेलू ड्रोन निर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा. SMAM योजना के तहत किसानों को ड्रोन खरीदने के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है, जिससे वे आधुनिक तकनीक का लाभ उठा सकें.

किसान ड्रोन योजना के अंतर्गत अब तक 240 सब्सिडी वाले ड्रोन किसानों को दिए जा चुके हैं और 1,500 से अधिक ड्रोन हेल्थ सेंटर स्थापित करने की योजना बनाई गई है. इसके अलावा, ड्रोन शक्ति योजना के जरिए स्टार्टअप्स और इनोवेशन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे भविष्य में यह तकनीक और सुलभ व उन्नत हो सके.

चुनौतियां क्या हैं?

हालांकि, ड्रोन तकनीक अपनाने में कुछ चुनौतियां भी हैं. कई इलाकों में ड्रोन उड़ाने के लिए विशेष अनुमति की जरूरत होती है, जिससे किसानों को प्रक्रिया में कठिनाई होती है. इसके अलावा, उन्नत सेंसर और उच्च-तकनीक वाले ड्रोन की कीमत अधिक होने के कारण छोटे और सीमांत किसानों के लिए इन्हें अपनाना मुश्किल हो सकता है.

साथ ही, ग्रामीण इलाकों में इस तकनीक को लेकर जागरूकता की कमी भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, जिससे किसान इसके लाभों से पूरी तरह परिचित नहीं हो पा रहे हैं.

भविष्य में और कैसे सुधरेगी यह तकनीक?

भविष्य में ड्रोन तकनीक और भी स्मार्ट और उन्नत होगी. कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और डेटा एनालिटिक्स के जरिए फसलों की सटीक जानकारी उपलब्ध होगी, जिससे खेती अधिक प्रभावी बनेगी. इसके साथ ही नई बैटरी तकनीकों पर शोध किया जा रहा है, जिससे ड्रोन की उड़ान अवधि बढ़ेगी और वे ज्यादा देर तक काम कर सकेंगे.

इसके अलावा, ऑटोमेटेड मैपिंग और मॉनिटरिंग से दूरदराज के खेतों की निगरानी भी आसान हो जाएगी, जिससे किसान बैठे-बैठे अपने खेतों पर नजर रख सकेंगे और बेहतर फैसले ले सकेंगे.

Published: 8 Apr, 2025 | 09:00 AM