GPS खेती में कैसे करता है काम? किसानों को मिलते हैं ये 7 बड़े फायदे

जैसे हमारे मोबाइल में GPS हमें रास्ता दिखाता है, वैसे ही खेती में ये तकनीक खेतों की सटीक जानकारी देकर किसानों की मेहनत को आसान और मुनाफे वाला बना रही है.

नई दिल्ली | Published: 25 Apr, 2025 | 01:01 PM

आज का किसान सिर्फ हल चलाने वाला मजदूर नहीं, बल्कि एक जागरूक और समझदार नवाचारक (Innovative) है. खेती में भी अब टेक्नोलॉजी की एंट्री हो चुकी है, और इसमें सबसे आगे है GPS तकनीक. जैसे हमारे मोबाइल में GPS हमें रास्ता दिखाता है, वैसे ही खेती में ये तकनीक खेतों की सटीक जानकारी देकर किसानों की मेहनत को आसान और मुनाफे वाला बना रही है.

आसमान से जुड़ी तकनीक, जमीन पर बड़ा असर

GPS सिस्टम उपग्रहों से सिग्नल लेकर खेती की मशीनों की सटीक लोकेशन बताता है. इससे ट्रैक्टर और दूसरी मशीनें बिलकुल सही रास्ते पर चलती हैं और खेत में न तो बीज बर्बाद होते हैं और न ही खाद-पानी.

ऑटो-स्टीयरिंग का कमाल

GPS को जब ऑटो-स्टीयरिंग सिस्टम से जोड़ा जाता है, तो ट्रैक्टर बिना ड्राइवर की थकान के खुद-ब-खुद तय रास्तों पर चलता है. इससे किसान लंबी शिफ्ट में भी थकते नहीं और फसल की बुवाई या जुताई बिलकुल सीधी और सटीक होती है.

डाटा से फैसले लेना आसान

GPS जब खेत के सेंसर्स से जुड़ता है, तो मिट्टी की नमी, पोषण, फसल की हालत और पैदावार जैसी ढेरों जानकारी मिलती है. इससे किसान आंकड़ों के आधार पर समझदारी से खेती कर पाते हैं.

GPS से किसानों को मिलते हैं ये 7 बड़े फायदे-

1. अंधेरे या कोहरे में भी सटीक खेती

GPS की वजह से किसान धुंध या कम रोशनी में भी बुवाई और कटाई कर सकते हैं. इससे सीजन के हर घंटे का पूरा उपयोग होता है.

2. सटीक बुवाई और जुताई

बीज और खाद एकदम बराबर मात्रा में और सही दूरी पर डाले जाते हैं. इससे फसल मजबूत होती है और उपज ज्यादा मिलती है.

3. खाद और कीटनाशक की बचत

हर खेत की जरूरत के हिसाब से खाद डाली जाती है, जिससे न तो फालतू खर्च होता है और न ही मिट्टी को नुकसान. पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है.

4. ईंधन और मेहनत की बचत

कम ट्रैक्टर चक्कर लगते हैं, जिससे डीजल की बचत होती है और किसान की मेहनत भी कम होती है.

5. मशीनों की देखरेख आसान

GPS से ट्रैक्टर और उपकरणों की हालत पता चलती है. समय पर मरम्मत होने से बड़ा नुकसान टल जाता है.

6. फार्म प्लानिंग बेहतर होती है

खेतों को जोन में बांटकर हर हिस्से की देखभाल की जा सकती है. इससे हर एरिया की पैदावार बढ़ाई जा सकती है.

7. कम लागत, ज्यादा मुनाफा

शुरुआत में थोड़ा खर्च जरूर होता है, लेकिन GPS से खेती की लागत घटती है और मुनाफा बढ़ता है.