साफ-सुथरा और अच्छी हालत में दिखने वाला ट्रैक्टर ज्यादा लोगों को आकर्षित करता है. इसके साथ ही बाजार में क्या दाम चल रहे हैं, कौन-से मॉडल की ज्यादा मांग है, यह सभी आपको पहले ही पता करना होगा.
स्ट्रॉ रीपर मशीन से अब खेत में डंठल नहीं जलेंगे, बल्कि भूसा भी मिलेगा. यह मशीन कम डीजल में ज्यादा काम करने में सक्षम है. इससे किसानों समय की बचत के साथ- साथ खर्च की बचत होगी.
छोटी सी सबसॉइलर मशीन ट्रैक्टर को भी मात दे रही है. इस मशीन के आने से पैदावार में बड़ा सुधार देखा जा रहा है. इसे लेने पर सरकार किसानों को 80 फीसदी तक सब्सिडी भी दे रही है.
पावर वीडर मशीन किसानों की कठिन मेहनत को आधा करके, मुनाफे को दोगुना करती है. यह मशीन खरपतवार नियंत्रण और मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने में मददगार साबित होती है.
किसान पारंपरिक ट्रैक्टरों के बजाय हाई-एंड और दमदार मशीनों की ओर रुख कर रहे हैं. ये ट्रैक्टर महंगे जरूर हैं, लेकिन इनकी ताकत और टेक्नोलॉजी हर पैसा वसूल करवा देती है.
महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के फार्म इक्विपमेंट सेक्टर के प्रेसिडेंट हेमंत सिक्का ने कहा कि 'रग रग लाल है' मात्र एक अभियान नहीं, बल्कि यह अभिव्यक्ति है, आभार और जुड़ाव की.