बिहार के किसानों को खेत में बचे फसल अवशेषों से निजात दिलाने और पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. कृषि विभाग ने स्ट्रा रीपर (Straw Reaper) जैसी आधुनिक मशीनों पर भारी भरकम अनुदान देने का ऐलान किया है. इससे किसान न केवल अपने खेतों को साफ रख सकेंगे, बल्कि भूसा और अतिरिक्त अनाज से अच्छी-खासी कमाई भी कर पाएंगे.
खेत साफ करने के साथ किसानों को होगी दोहरी कमाई
बिहार सरकार का कृषि विभाग किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए स्ट्रा रीपर मशीन उपलब्ध करा रहा है. यह मशीन कम्बाईन हार्वेस्टर से कटाई के बाद खेत में बचे फसल अवशेषों को स्ट्रा रीपर काटती है और उसे ट्रॉली में इकट्ठा कर भूसा बनाती है. खास बात यह है कि मशीन खेत में छूटे हुए बाली से अनाज भी निकालकर अलग से जमा कर देती है. इससे किसान भूसा बेचकर और बचे अनाज से दोहरी कमाई कर सकते हैं.
पराली जलाने से छुटकारा
फसल अवशेषों का सही प्रबंधन मिट्टी की सेहत के लिए बेहद जरूरी है. पराली जलाने से न केवल मिट्टी के पोषक तत्व नष्ट होते हैं, बल्कि वातावरण में खतरनाक प्रदूषण भी फैलता है. इससे मानव स्वास्थ्य और फसल उत्पादन दोनों पर बुरा असर पड़ता है. स्ट्रा रीपर के जरिए किसानों को बिना जलाए खेत साफ करने का स्मार्ट समाधान मिल रहा है. मशीन से भूसा भी इकट्ठा होता है, जिसे किसान बेचकर अतिरिक्त आय कमा सकते हैं. इससे खेतों की उर्वरता भी बनी रहती है और पर्यावरण को भी बचाया जा सकता है.
सरकारी अनुदान का फायदा
सरकार किसानों को स्ट्रा रीपर मशीन खरीदने पर आर्थिक मदद दे रही है. सामान्य श्रेणी के किसानों को मशीन की कुल लागत पर 40 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी, जो अधिकतम 1,20,000 रुपये तक होगी. वहीं अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ मिलेगा, अधिकतम 1,50,000 रुपये तक. वहीं कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे पराली न जलाएं और इस योजना का लाभ उठाकर खेतों का सही प्रबंधन करें.