हर साल की तरह इस बार भी कई राज्यों में गेहूं की कटाई का काम शुरू हो चुका है. किसानों के पास अब समय बहुत कम होता है, इसलिए वो ऐसी मशीनें चाहते हैं जो कम समय में ज्यादा काम कर दें. इसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए, रीपर मशीन (Reaper Machine) किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है. यह मशीन खेत में खड़ी फसल की कटाई को तेज, सटीक और कम मेहनत में पूरा कर देती है.
कितने एचपी का ट्रैक्टर?
रीपर मशीन को सही तरीके से चलाने के लिए 35 से 40 एचपी (HP) वाले ट्रैक्टर सबसे उपयुक्त माने जाते हैं. इस रेंज के ट्रैक्टर न सिर्फ रीपर मशीन को अच्छे से संभाल सकते हैं, बल्कि कम डीजल की खपत भी करते हैं. इससे किसानों का खर्च भी कम होता है और काम भी तेज होता है.
बड़े एचपी वाले ट्रैक्टर (जैसे 50 एचपी या उससे ज्यादा) अधिक ताकतवर होते हैं, लेकिन इन्हें स्टार्ट करने और चलाने में ज्यादा डीजल लगता है. इसलिए छोटे और मध्यम किसान 35-40 एचपी वाले ट्रैक्टर को रीपर मशीन के लिए प्राथमिकता दे सकते हैं.
35 से 40 एचपी वाले ट्रैक्टर
इस रेंज के ट्रैक्टर आमतौर पर मध्यम आकार की खेती के लिए परफेक्ट होते हैं. ये न सिर्फ रीपर मशीन बल्कि जुताई, बुआई, सिंचाई और अन्य कृषि कार्यों में भी काम आते हैं. इनकी कीमत भी काफी हद तक किफायती होती है, जिससे छोटे किसान भी इन्हें खरीदने में सक्षम हो सकते हैं.
रीपर मशीन की कीमत
रीपर मशीनें अलग-अलग डिजाइन और काम के हिसाब से मिलती हैं. कुछ मशीनें सिर्फ कटाई करती हैं, तो कुछ मशीनें रीपर कम बाइंडर के रूप में काम करती हैं यानी कटाई के साथ-साथ फसल के बंडल भी बनाती हैं. बाजार में रीपर मशीन की कीमत लगभग ₹1.5 लाख से शुरू होकर ₹4.5 लाख तक जा सकती है. कई राज्य सरकारें इस पर सब्सिडी भी देती हैं, जिससे किसानों को बड़ी राहत मिलती है.
सेकेंड हैंड ट्रैक्टर
जिन किसानों के पास नया ट्रैक्टर खरीदने का बजट नहीं है, वे सेकेंड हैंड ट्रैक्टर की ओर भी रुख कर सकते हैं. अच्छे हालात में उपलब्ध पुराना ट्रैक्टर सस्ते में मिल जाता है और ज्यादातर मामलों में फाइनेंस या ईएमआई की सुविधा भी उपलब्ध होती है. इससे ट्रैक्टर खरीदना और भी आसान हो जाता है.