देश में कृषि क्षेत्र को विकसित करने के लिए सरकार किसानों को प्रोत्साहित करती रहती है. किसानों को नई तकनीकों और उपकरणों से कृषि उत्पादन को बेहतर बनाने और नई दिशा देने के लिए बढ़ावा देती है. इसी कड़ी में सरकार ने साल 2005-06 में आत्मा योजना की शुरुआत की थी. इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को कृषि क्षेत्र से जुड़ी हर संभव मदद मुहैया कराना और उनकी आय में वृद्धि करना है.
क्या है आत्मा योजना
आत्मा योजना या ATMA का पूरा नाम कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (Agricultural Technology Management Agency) है. किसानों की मदद और कृषि क्षेत्र के विकास के लिए सरकार द्वारा इस योजना की शुरुआत साल 2005-06 में की गई थी. इस योजना को किसान आत्मा योजना के नाम से भी जाना जाता है. इस योजना के तहत कृषि क्षेत्र के अलग-अलग वैज्ञानिक और किसान एकसाथ जुड़ते हैं जिसकी मदद से किसानों को समय-समय पर कृषि से जुड़े सुझाव दिए जाते हैं. इसके साथ ही किसानों को कृषि तकनीक और उपकरणों के इस्तेमाल को लेकर ट्रेनिंग दी जाती है.
आत्मा योजना के लाभ
आत्मा योजना में शामिल होने वाले किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों के संचालन की ट्रेनिंग दी जाती है. अगर कोई किसान एक बार इस योजना से जुड़ जाता है तो उसे लगातापर इस योजना से जुड़े लाभ मिलते रहते हैं. किसानों को कृषि क्षेत्र से जुड़े रहने के लिए और कृषि उत्पादन में अच्छा काम करने के लिए प्रोत्साहन देने के लिए सरकार पुरस्कार भी देती है. इसके साथ ही इस योजना से किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होती है.
किसानों को मिलता है पुरस्कार
आत्मा योजना के तहत कृषि क्षेत्र में अच्छा काम करने वाले किसानों को राज्य ,जिला और पंचायत समिति स्तर पर हर साल सम्मानित किया जाता है. इस योजना के तहत राज्य, जिला तथा पंचायत समिति स्तर पर चुने गए किसानों को क्रमश: 50 हजार, 25 हजार रुपए व 10,000 रुपए दिए जाने का प्रावधान है. बता दें कि इस योजाना के तहत अबतक करीब 23 लाख से ज्यादा किसानों को फायदा हो चुका है.

23 लाख किसानों का हुआ विकास
योजना के लिए ऐसे करें आवेदन
आत्मा योजना में शामिल होने के लिए किसानों के पास आधार कार्ड, बैंक पासबुक जैसे जरूर दस्तावेज होने चाहिए. किसान चाहें तो व्यक्तिगत रूप से या किसी किसान संगठन के साथ योजना में शामिल हो सकते हैं. योजना में शामिल होने के लिए किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. खास बात यह है कि इस योजना में शामिल होने के लिए किसानों को किसी भी तरह का शुल्क नहीं देना होगा. इस योजना की अधिक जानकारी के लिए किसान अपने जिले के कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं.