महाराष्ट्र के किसान अब खेती में ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल से कृषि उत्पादन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की तैयारी में हैं. एग्रीटेक कंपनी सलाम किसान के नेतृत्व में यह पहल राज्य में किसानों को ज्यादा मजबूत बनाने, उनकी लागत घटाने और उत्पादन बढ़ाने में अहम योगदान दे रही है. सबसे खास बात यह है कि इस अभियान में स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाएं भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं, जिससे तकनीक का दायरा और भी ज्यादा बढ़ रहा है.
अर्जुन ड्रोन का प्रदर्शन
सलाम किसान ने महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत आयोजित उम्मेद प्रदर्शनी में अपने अत्याधुनिक अर्जुन ड्रोन का प्रदर्शन किया. यह ड्रोन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक से लैस है और किसानों को उनकी कृषि गतिविधियों में नई दिशा देता है. सलाम किसान के मुख्य परिचालन अधिकारी (COO) अक्षय खोबरागड़े ने बताया कि कंपनी डेटा-संचालित कृषि तकनीकों को बढ़ावा देने और ड्रोन इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है.
महिलाओं को तकनीकी सशक्तिकरण
सलाम किसान ने महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. कंपनी ने बताया कि स्वयं सहायता समूहों (SHGs) से जुड़ी महिलाएं अब ड्रोन तकनीक की ट्रेनिंग ले रही हैं, जिससे वे अपनी ही फसलों के साथ-साथ दूसरे किसानों को भी सेवाएं दे सकेंगी. सरकार की ‘ड्रोन दीदी’ पहल के जरिए महिलाओं को ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग दी जा रही है, जिससे वे अपने व्यवसाय शुरू करने के नए मौके पा सकें.
कंपनी की ‘लोकल फॉर ग्लोबल’ पहल के तहत, स्वयं सहायता समूहों (SHGs) और किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) के साथ मिलकर एग्री ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ाया जा रहा है. इस पहल का मकसद सिर्फ स्थानीय स्तर पर कृषि उत्पादन को बढ़ावा देना ही नहीं, बल्कि भारतीय कृषि उत्पादों को वैश्विक बाजारों में भी ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनाना है.
टिकाऊ और तकनीकी कृषि भविष्य की ओर कदम
अक्षय खोबरागड़े ने बताया कि सलाम किसान, लगातार टिकाऊ और तकनीक-आधारित कृषि के भविष्य को संवारने के लिए काम कर रही है. कंपनी का मकसद सिर्फ किसानों को सशक्त बनाना ही नहीं, बल्कि आधुनिक तकनीकों से भी रुबरू कराना है. मिनी सरस प्रदर्शनी जैसे मंचों के माध्यम से कंपनी स्वयं सहायता समूहों (SHGs) और महिला नेतृत्व वाले उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से काम कर रही है.
महाराष्ट्र में ड्रोन तकनीक के बढ़ते उपयोग से यह साफ दिखाई देता है कि राज्य के किसान आधुनिक तकनीकों को अपनाकर अपनी फसल की पैदावार बढ़ाने और लागत कम करने के लिए तैयार हैं. यह पहल न केवल किसानों के लिए फायदेमंद होगी, बल्कि महिलाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा और संभावनाओं का संचार भी करेगी.