पीएम किसान स्‍कीम: अयोग्‍य किसानों से अब तक हुई 416 करोड़ रुपये की रिकवरी

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार ने शुरुआत से लेकर अब तक 19 किस्तों में किसानों को 3.68 लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा का वितरण किया है. अब तक अयोग्‍य लाभार्थियों से 416 करोड़ रुपये की राशि वसूल की गई है.

Noida | Updated On: 26 Mar, 2025 | 05:46 PM

केंद्र सरकार की तरफ से फर्जी किसान बनकर पीएम किसान स्‍कीम का फायदा उठाने वाले लोगों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है. खुद कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बारे में सदन को बताया है. मंगलवार को उन्‍होंने लोकसभा में जानकारी दी कि सरकार ने साल 2019 में लॉन्‍च हुई प्रमुख पीएम-किसान के तहत अयोग्‍य किसानों से 416 करोड़ रुपये वसूले हैं. कृषि मंत्री ने एक लिखित सवाल के जवाब में यह जानकारी दी.

अब तक जारी हुईं 19 किस्‍तें

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार ने शुरुआत से लेकर अब तक 19 किस्तों में किसानों को 3.68 लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा का वितरण किया है. फरवरी 2019 में शुरू की गई पीएम-किसान योजना के तहत, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) मोड के जरिये किसानों के आधार-लिंक्‍ड बैंक अकाउंट्स में तीन समान किस्तों में हर साल 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता ट्रांसफर की जाती है. कृषि मंत्री ने कहा, ‘देश भर में अब तक अयोग्‍य लाभार्थियों से 416 करोड़ रुपये की राशि वसूल की गई है.’

कैसे हुई इतनी बड़ी गलती

मंत्री ने बताया कि पीएम-किसान योजना शुरू में एक ट्रस्ट-आधारित प्रणाली पर शुरू हुई थी. यहां लाभार्थियों को राज्यों ने सेल्‍फ-अटेस्‍टेड बेस पर रजिस्‍टर्ड किया था. उनके मुताबिकशुरुआत में कुछ राज्यों के लिए आधार सीडिंग में ढील भी दी गई थी. बाद में, इस समस्या के समाधान के लिए, पीएफएमएस, यूआईडीएआई और आयकर विभाग के साथ इंटीग्रेशन समेत कई टेक्‍नोलॉजी की मदद ली गई. यह सुनिश्चित करने के लिए कि फायदा सिर्फ योग्‍य लाभार्थियों को ही जारी किया जाए, भूमि सीडिंग, आधार-बेस्‍ड पेमेंट और ईकेवाईसी को अनिवार्य कर दिया गया है.

किसानों का फायदा रोका गया

चौहान ने कहा कि इन अनिवार्य शर्तों को पूरा नहीं करने वाले किसानों का फायदा रोक दिया गया है. शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘जब ये किसान अपनी अनिवार्य आवश्यकताओं को पूरा कर लेंगे तो उन्हें योजना का लाभ उनके देय किश्तों के साथ मिलेगा.’ इसके अलावा, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उच्च आय वर्ग जैसे आयकर दाता, सार्वजनिक उपक्रमों, राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारियों, संवैधानिक पद धारकों आदि के कारण चिह्नित अयोग्‍य किसानों को हस्तांतरित किसी भी राशि की वसूली करने का आदेश दिया गया है.

पोर्टल पर कराएं रजिस्‍ट्रेशन

मंत्री ने बताया कि योजना में किसानों की पहचान स्थापित करने के लिए आधार प्रमुख मापदंडों में से एक है. योजना का फायदा सिर्फ आधार सर्टिफाइड किसानों को हस्तांतरित किया जाता है. वर्तमान में पीएम किसान लाभार्थियों का 100 प्रतिशत डेटाबेस आधार से जुड़ा हुआ, प्रमाणित और ई-केवाईसी वैरीफाइड है. योजना की जब 15वें किस्त जारी होने वाली थी जो अगस्त 2023 से नवंबर 2023 के बीच हुई थी, उसी समय से योजना के तहत आधार-आधारित ई-केवाईसी भी अनिवार्य कर दिया गया. चौहान ने कहा कि योजना में किसानों का पंजीकरण एक सतत प्रक्रिया है और वे पीएम-किसान पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन अपना रजिस्‍ट्रेशन करा सकते हैं.

 

Published: 26 Mar, 2025 | 05:45 PM