राजस्थान में पिछले दिनों एक बड़ा मामला सामने आया है. इससे पता चलता है कि किस तरह से लोग सरकारी योजनाओं का फायदा उठा रहे हैं. राजस्थान विधानसभा में पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत सरकारी पैसे के दुरुपयोग के बारे में सदन में सवाल पूछा गया था. इसका जो जवाब मंत्री की तरफ से मिला तो सबको सरकारी योजनाओं के गलत प्रयोग के बारे में पता चला. यहां के मारवाड़ जंक्शन विधानसभा क्षेत्र में ऐसे 13 हजार से ज्यादा लोगों ने पीएम किसान निधि का फायदा लिया है जो इसके योग्य भी नहीं थे. अब बताया जा रहा है कि सरकार इनके अकाउंट से योजना की धनराशि वापस लेने की तैयारी कर रही है.
उठाया गया 827 लाख का फायदा
सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार ने विधानसभा में विधायक केसा राम चौधरी के सवाल के जवाब में बताया कि मारवाड़ जंक्शन विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत कुल 13 हजार 858 अपात्र व्यक्ति रजिस्टर्ड हैं. इन्हें योजना के तहत कई किस्तों के जरिये से 826.66 लाख रुपए का फायदा हुआ है. उन्होंने इन अपात्र व्यक्तियों को ट्रांसफर की गई राशि की जानकारी सदन को दी. चौधरी उन्होंने बताया कि इन 13 हजार 858 अपात्र व्यक्तियों में से 13 हजार 720 व्यक्तियों के नाम ऐसे हैं, जो उन गांवों के निवासी ही नहीं हैं. इस मामले की जांच के लिए जिला कलक्टर पाली को निर्देश दिए गए हैं.
दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश
अयोग्य किसानों को योग्य दिखाने और फायदा देने के पूरे मामले की जांच कर जिम्मेदार पाए गए अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं. मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत गलत तरीके से फायदा उठाने वाले अयोग्य व्यक्तियों से निर्धारित प्रक्रिया अपनाते हुए जल्द ही वसूली की जाएगी. उन्होंने कहा कि पाली जिले में किसान सम्मान निधि के तहत अनुचित तरीके से अमाउंट ट्रांसफर करने के मामले की जांच के लिए अतिरिक्त जिला कलेक्टर को नियुक्त किया गया है. जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
पांच साल में हुआ घोटाला?
सहकारिता राज्य मंत्री ने बताया कि किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत में किसान की तरफ से दिए गए एफिडेविट के आधार पर ही राशि उन्हें ट्रांसफर की जाती थी. बाद में भूमि का रिकॉर्ड या रिपोर्ट अपलोड करना भी अनिवार्य कर दिया गया है. केंद्र सरकार की तरफ से भी अयोग्य व्यक्तियों से सम्मान निधि की राशि वसूलने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया कि पाली में साल 2019 से 2023 के बीच अयोग्य व्यक्तियों को लाभ दिए जाने के मामला सामने आने के बाद पाली जिला कलक्टर के निर्देश पर तहसीलदार देसूरी, मारवाड़ जंक्शन और रानी में एफआईआर दर्ज कराई गई है.