यह फल अपने स्वाद और पोषण से भरपूर होने के कारण दुनिया भर में मशहूर हो चुके हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अब इन महंगे सुपरफ्रूट्स को आप अपने बगीचे में या गमले में भी उगा सकते हैं. तो आइए जानते हैं गोची बेरी के फायदे और इसे उगाने के आसान तरीकों के बारें में.
गोजी बेरी का वैज्ञानिक नाम लिशियम बारबरम है और यह पौधा ठंडी से लेकर गर्म जलवायु क्षेत्रों में भी आसानी से पनप सकता है. इन बेरीज को आप ताजा जूस या सुखाकर भी खा सकते हैं. इनमें प्रोटीन, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट्स की भी भरपूर मात्रा होती है.
मार्केट में गोजी बेरी, काफी महंगी मिलती है, लेकिन अगर आप इन्हें खुद उगाएं तो कम लागत में ज्यादा फायदा मिल सकता है. एक और अच्छी बात यह है कि गोची बेरी उन पौधों में से एक जो काम मेहनत में अधिक मुनाफा दे सकते है.
गोजी बेरी को सूरज की भरपूर रोशनी चाहिए होती है, इसलिए इसे ऐसी जगह लगाएं जहां कम से कम 6 से 8 घंटे धूप मिले. इस पौधे के लिए हल्की रेतीली या दोमट मिट्टी होनी चाहिए.
पौधों को बीज या कटिंग से तैयार किया जा सकता है, लेकिन कटिंग से तैयार पौधे जल्दी फल देना शुरू करते हैं. फरवरी-मार्च या फिर अक्टूबर-नवंबर गोजी बेरी, लगाने के लिए सबसे अच्छा समय होता है.
पौधे लगाने के बाद गड्ढे को भरने से पहले थोड़ा पानी डालें और फिर मिट्टी भरकर हल्के हाथ से दबा दें. अंत में अच्छी मात्रा में गीली घास या जैविक मल्च डालें जिससे नमी बनी रहे.
गोजी बेरी को बहुत ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती. गर्मियों में हर 10-15 दिन में सिंचाई करें. इसके साथ ही खाद सीमित मात्रा में दें, नहीं तो पौधा ज्यादा पत्तियां बनाएगा और फल कम देगा.
हर साल सर्दियों के दौरान इसकी कटाई-छंटाई (प्रूनिंग) करें. ताकि इनकी ग्रोथ और पैदावार अच्छी हो सकें. वहीं इसके फूल आने के बाद करीब एक महीने में फल पककर लाल रंग के हो जाते हैं.