केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (WDC-PMKSY 2.0) के तहत राष्ट्रीय स्तर पर जन संपर्क अभियान ‘वाटरशेड यात्रा’ कैंपेन को लॉन्च किया. इस अभियान का मकसद लोगों को मिट्टी और जल संरक्षण प्रयासों में शामिल करना है. साथ ही साथ स्थायी प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन को बढ़ावा देना भी इसका एक हिस्सा है जिसके तहत देश में कृषि उत्पादकता, किसानों की आय और पर्यावरण के स्वास्थ्य में इजाफा हो सके. कृषि मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इस कैंपेन के लॉन्च किया है.
90 दिनों तक चलेगा कैंपन
कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने ‘जल लाए धन-धान्य’ इस थीम पर आधारित कैंपेन को चार फरवरी को हरी झंडी दी है. इस अभियान के तहत 805 परियोजनाओं में करीब 60 से 90 दिनों तक वाटरशेड यात्रा वैन चलेगी. यह वैन 26 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 6,673 ग्राम पंचायतों के 13,587 गांवों तक पहुंचेगी. इस यात्रा के दौरान 1,509 ग्राम सभाएं आयोजित की जाएंगी और 1,640 प्रभात फेरियां भी निकाली जाएंगी. इसके साथ ही 2,043 स्थानों पर भूमिपूजन और 1,999 कार्यों का लोकार्पण किया जाएगा. साथ ही साथ 1,196 स्थानों पर श्रमदान और 557 स्थानों पर बागवानी वृक्षारोपण भी किया जाएगा.
भूजल को बढ़ाने की कवायद
कृषि मंत्री ने इसे लॉन्च करते हुए कहा, ‘जल ही हमारे जीवन का आधार है, जल है तो जीवन है. हम मिट्टी से पैदा हुए हैं और मिट्टी में ही मिलते हैं. मिट्टी हमारा अनुभव है, हमारा आधार है इसलिए मैं आवेदन करता हूं, अपने और घरों के लिए पानी और मिट्टी बचाएं. ‘ इस वॉटरशेड के तहत चेक डैम, बोरी बंधान, मेढ़ बंधान, खेत तालाब जैसी कई संरचनाएं बनाई जाएंगी. ये संरचनाएं पानी भी बचाएंगे और मिट्टी के क्षरण को भी रोकेंगे, सतही जल भी बहकर नहीं जायेगा और भूजल स्तर भी बढ़ेगा. भरा हुआ सतही जल आसपास के बड़े इलाके में भूजल स्तर बढ़ा देगा. मिट्टी में नमी बनेगी, मिट्टी की जल धारण क्षमता बढ़ेगी.
177 प्रोजेक्ट्स को होगा फायदा
इस वाटरशेड यात्रा के दौरान पानी और मिट्टी बचाने के लिए जनजागरण अभियान चलेगा. साथ ही वॉटरशेड के तहत पूरे किये गए कामों का लोकार्पण भी होगा और नए कामों का भूमिपूजन भी होगा. इसके साथ ही वॉटरशेड महोत्सव भी मनाया जाएगा. इतना ही नहीं वॉटरशेड पंचायत उल्लेखनीय कार्य करने वालों को सम्मानित भी करेगी. ये वॉटरशेड यात्रा देशभर में जलसंचयन और भूमि संरक्षण को बढ़ावा देगी. ये यात्रा पानी और मिट्टी बचाने के लिए ग्रामीण जनता को एक प्लेटफॉर्म भी प्रदान करेगी. जो प्रोजेक्ट मिट्टी के क्षरण को रोकने के लिए सबसे अच्छा काम करेंगे उन्हें सरकार की तरफ से 20 लाख रुपये का पुरस्कार भी दिया जाएगा. इसके लिए 70 करोड़ 80 लाख रुपये का प्रावधान भी किया गया है. हर साल 177 परियोजनाओं को इससे फायदा मिलेगा.