गेहूं की कटाई का समय आने वाला है और गेहूं की खेती करने वाले किसानों को सहूलियतें देने के लिए राज्य सरकारें अभी से इस दिशा में काम करने लगी हैं. मध्य प्रदेश के बाद अब राजस्थान में समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं खरीद का काम 10 मार्च से शुरू हो सकता है. वहीं 4 जिलों में 1 मार्च से गेहूं की खरीद शुरू हो जाएगी. इनमें कोटा, बारां, बूंदी और झालावाड़ जिला शामिल है. गेहूं के लिए पंजीकरण प्रक्रिया 25 जून तक जारी रहेगी.
किसानों को मिलेगा बोनस
गेहूं का समर्थन मूल्य केंद्र सरकार ने 2425 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है. वहीं राज्य सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद पर बोनस राशि 150 रुपए प्रति क्विंटल कर दी है. इस तरह किसानों को प्रति क्विंटल 2575 रुपए का भुगतान भारतीय खाद्य निगम की ओर से किया जाएगा. राजस्थान के किसानों से अब 6 लाख टन ज्यादा गेहूं की खरीद 10 मार्च से शुरू होगी. इस वर्ष 2425 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य तय किया गया है. वहीं, सरसों और चने की फसल की खरीद अप्रेल माह में शुरू होने की संभावना है.
मध्य प्रदेश में भी खरीद
राजस्थान से अलग मध्य प्रदेश में गेहूं की सरकारी खरीद का काम एक मार्च से शुरू हो जाएगा. अधिकारियों को निर्देश दिये गए हैं कि किसानों को गेहूं खरीद के बाद जल्द से जल्द भुगतान सुनिश्चित करें. खाद्य मंत्री राजपूत ने बताया कि इंदौर, उज्जैन, भोपाल और नर्मदापुरम संभाग में गेहूं खरीदी का कार्य एक मार्च से शुरू किया जाएगा जो 18 अप्रैल तक चलेगा. वहीं बाकी संभागों में 17 मार्च से 5 मई 2025 तक गेहूं खरीदी का कार्य खरीदी केन्द्रों के माध्यम से किया जाएगा.
पिछले साल लिया गया फैसला
पिछले साल किसानों की तरफ से मजबूरी में गेहूं बेचने से बचने के लिए केंद्र सरकार ने राजस्थान और मध्य प्रदेश में गेहूं खरीद मानदंडों में ढील दी थी. इसके तहत दोनों राज्यों से केंद्रीय पूल खरीद के लिए 6 फीसदी तक क्षतिग्रस्त और थोड़ा क्षतिग्रस्त अनाज की अनुमति दी गई थी. जबकि मध्य प्रदेश में सिकुड़े और टूटे हुए अनाज की खरीद सीमा को मौजूदा 6 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी और राजस्थान में 20 फीसदी कर दिया गया. वहीं बिना किसी मूल्य कटौती के चमक खोने वाले गेहूं की सीमा को मध्य प्रदेश में 50 फीसदी और राजस्थान में 70 फीसदी तक बढ़ा दिया गया है.