देश के लाखों किसान हर बार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत दो हजार रुपये की किस्त का इंतजार करते हैं. इस योजना के तहत किसानों को साल में तीन किस्तों में 6 हजार रुपये मिलते हैं. साल 2019 से किसानों को इस योजना का लाभ मिल रहा है.
अब तक 18 किस्तों के माध्यम से किसानों के खाते में राशि भेजी जा चुकी है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 3.46 लाख करोड़ रुपये किसानों के खातों में जमा किए जा चुके हैं. लंबे समय से किसान संगठनों द्वारा इस योजना के तहत मिलने वाली राशि बढ़ाने की मांग की जा रही थी, लेकिन हाल ही में कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने लोकसभा में इस पर जवाब देते हुए कहा कि इस समय पीएम किसान योजना की राशि बढ़ाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है.
कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने लोकसभा में लिखित जवाब में कहा कि फरवरी 2019 से अब तक पीएम किसान योजना के तहत किसानों के खातों में 3.46 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि भेजी जा चुकी है, और फिलहाल इस राशि को बढ़ाने का कोई विचार नहीं है.
शाह ने किया था राशि बढ़ाने का वादा
अब बात करते हैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस वादे की, जब उन्होंने हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान यह कहा था कि अगर राज्य में बीजेपी की सरकार बनी तो योजना की राशि 10 हजार रुपये कर दी जाएगी.
हरियाणा सरकार ने नहीं किया कोई जिक्र
राज्य सरकार या केंद्र सरकार ने इस योजना की राशि बढ़ाने को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है. वहीं अगर केंद्र सरकार अपनी तरफ से राशि नहीं बढ़ाती है, तो राज्य सरकार अपनी ओर से किसानों को 4 हजार रुपये सालाना देने पर विचार कर सकती है, लेकिन यह जानकारी आधिकारिक नहीं है. इसे अन्य बीजेपी शासित राज्यों से तुलना के आधार पर कहा जा रहा है.
ओडिशा की तर्ज पर बनेगी योजना?
दरअसल, ओडिशा में पहले बीजू जनता दल ने ‘सीएम कालिया योजना’ चलाई थी, जिसे बाद में बीजेपी सरकार ने ‘सीएम किसान योजना’ नाम से जारी किया. इस योजना के तहत कम जमीन वाले ग्रामीण किसानों को 4000 रुपये सालाना आर्थिक लाभ दिया जाता है. यदि हरियाणा में ऐसी कोई योजना लागू होती है तो पीएम किसान योजना के लाभार्थियों को सालाना 10 हजार रुपये मिल सकते हैं.
राज्य के बजट में साफ होंगी कई बातें
हालांकि, सीएम किसान योजना में बिना जमीन वाले किसानों को सालाना 12,500 रुपये की सहायता दी जाती है. किसानों को यह राशि तीन किस्तों में दी जाती है. अब यह देखना होगा कि हरियाणा में बीजेपी सरकार अपनी ‘गारंटी’ को कैसे पूरा करती है. राज्य का आगामी बजट इस बारे में कई महत्वपूर्ण बातें स्पष्ट करेगा.