केंद्र सरकार ने गेहूं की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करने की घोषणा की है. इसको लेकर किसानों ने रजिस्ट्रेशन करा लिए हैं और अपनी उपज लेकर मंडियों में पहुंच गए हैं. लेकिन, धीमी खरीद और उठान प्रक्रिया के चलते किसानों की मुश्किल बढ़ गई है. इसके साथ ही हरियाणा में खरीद के 72 घंटे में किसानों को उपज के भुगतान का वादा भी फेल होता दिख रहा है.
72 घंटे में उपज भुगतान का दावा खोखला
हरियाणा में भारतीय किसान एकता के प्रदेश अध्यक्ष लखविंदर सिंह औलख ने बताया कि हरियाणा में गेहूं और सरसों की फसलों का उठान न होने के चलते किसानों को उनकी फसल का भुगतान नहीं हो पा रहा है. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही हरियाणा सरकार के किसानों को उपज खरीद का भुगतान 72 घंटे में करने वाला वादा भी खोखला साबित हुआ है.
हरियाणा में 22 लाख क्विंटल गेहूं का उठान नहीं
किसान नेता ने बताया कि हरियाणा में 24 अप्रैल तक 3 करोड़ 64 लाख क्विंटल गेहूं की खरीद हुई है. इसमें से 3 करोड़ 42 लाख क्विंटल गेहूं का उठान हुआ है, जो लगभग साढ़े 51.50 फीसदी बनता है. उन्होंने कहा कि अब तक राज्य में 22 लाख क्विंटल गेहूं का उठान नहीं हुआ है.
सिरसा में 44 लाख क्विंटल गेहूं मंडियों में पड़ा
सिरसा जिले में गेहूं के उठान के और भी बुरे हालात हैं. 24 अप्रैल तक सिर्फ 38.5 फीसदी गेहूं का उठान हुआ है, जबकि लगभग 68 लाख क्विंटल गेहूं मंडी में आया था. उसमें से 24 लाख क्विंटल गेहूं का ही उठान हो सका है. किसानों ने बताया कि जिले की मंडियों में अभी भी करीब 44 लाख क्विंटल गेहूं का उठान नहीं हो सका है.
उठान नहीं होने से पेमेंट नहीं मिल रही
जब तक सरकारी खरीद एजेंसियां मंडियों से गेहूं का उठान नहीं करती हैं, तब तक किसान की खातों में पेमेंट नहीं डाली जाती है. इसकी वजह से हरियाणा के किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लखविंदर सिंह औलख ने कहा कि हमारी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से अपील है कि मंडियों से गेहूं व सरसों का उठआन करवाकर किसानों को उनकी फसल का भुगतान तुरंत करवाया जाए.
राष्ट्रीय स्तर पर गेहूं खरीद और भुगतान स्थिति
केंद्रीय खाद्यान्न खरीद पोर्टल के आंकड़े बताते हैं कि देशभर के हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार समेत 9 राज्यों में गेहूं की खरीद प्रक्रिया चल रही है. इन राज्यों के 291 जिलों में स्थित मंडियों और खरीद केंद्रों पर किसानों से गेहूं खरीदा जा रहा है. आंकड़े के अनुसार करीब 33 लाख किसानों ने एमएसपी भाव पर गेहूं बेचने के लिए अपने अपने राज्यों में रजिस्ट्रेशन कराए हैं. आंकड़ों के अनुसार 127 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं की खरीद की जा चुकी है. इसके लिए किसानों को 20 हजार करोड़ से अधिक राशि का भुगतान किया गया है.