विकसित राष्‍ट्र बनने के लिए भारत के किसानों का सशक्‍तीकरण जरूरी: खेती-किसानी पर पीएम मोदी का बड़ा बयान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि हमें और भी बड़े लक्ष्यों को हासिल करने के लिए देश की पूरी कृषि क्षमता का उपयोग करने की जरूरत है. उन्‍होंने विकसित भारत के बारे में सरकार के दृष्टिकोण की ओर भी इशारा किया.

Noida | Updated On: 3 Mar, 2025 | 03:35 PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि हमें और भी बड़े लक्ष्यों को हासिल करने के लिए देश की पूरी कृषि क्षमता का उपयोग करने की जरूरत है. कृषि और ग्रामीण समृद्धि पर केंद्रित बजट के बाद वेबिनार में बोलते हुए, पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि इस साल का बजट, सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट, न केवल नीतियों की निरंतरता को दर्शाता है, बल्कि एक विकसित भारत के दृष्टिकोण का भी विस्तार करता है. उन्होंने दो प्राथमिक लक्ष्यों पर प्रकाश डाला जो कृषि क्षेत्र का विकास और ग्रामीण क्षेत्रों की समृद्धि के तौर पर बताए गए.

कृषि क्षमता का सही उपयोग जरूरी

वेबिनार में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘हमें और भी बड़े लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए देश की पूरी कृषि क्षमता का उपयोग करने की आवश्यकता है.’ प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ‘हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी किसान पीछे न छूटे. हम कृषि को विकास का प्राथमिक इंजन मानते हैं.’ उन्होंने किसानों को सशक्त बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को और मजबूत करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य हर किसान को आगे ले जाना और उन्हें वह सहायता प्रदान करना है जिसकी उन्हें आवश्यकता है.

पीएम किसान सम्‍मान निधि का जिक्र

पीएम मोदी ने छह साल पहले शुरू की गई पीएम-किसान सम्मान निधि के प्रभाव को भी इस वेबिनार में स्‍वीकार किया. उन्होंने कहा कि इस पहल के माध्यम से 11 करोड़ किसानों के बैंक खातों में लगभग 3.75 लाख करोड़ रुपये सीधे ट्रांसफर किए गए हैं. प्रधानमंत्री ने कृषि क्षेत्र की बढ़ती समृद्धि को रेखांकित करते हुए विकसित भारत के बारे में सरकार के व्यापक दृष्टिकोण की ओर भी इशारा किया.

भारत में रिकॉर्ड कृषि उत्‍पादन

उन्होंने कहा, ‘आज, कृषि उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर है. पिछले 10 सालों में उत्पादन 265 मिलियन टन से बढ़कर 330 मिलियन टन से ज्‍यादा हो गया है.’ पीएम मोदी ने इस बात का जिक्र खासतौर पर किया कि आज बागवानी उत्पादन 350 मिलियन टन से अधिक हो गया है. पीएम ने कृषि क्षेत्र में सफलता के लिए ‘बीज से बाजार तक’ कार्यक्रम जैसी पहल को श्रेय दिया. इसके अतिरिक्त, सरकार ने सबसे कम कृषि उत्पादकता वाले 100 जिलों के विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए ‘पीएम धन धान्य कृषि योजना’ शुरू की है.

बागवानी, डेयरी और फिशरीज की मांग

पीएम मोदी ने यह भी जिक्र किया कि पोषण के बारे में बढ़ती जागरूकता के कारण बागवानी, डेयरी और मत्स्य उत्पादों की मांग बढ़ रही है. उन्होंने कहा, ‘हमने फलों और सब्जियों का उत्पादन बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं.’ इन प्रयासों का समर्थन करने के लिए, पीएम मोदी ने किसान-केंद्रित डिजिटल बुनियादी ढांचे के निर्माण के बारे में बात की, जो यह सुनिश्चित करता है कि विभिन्न योजनाओं का लाभ देश भर के किसानों तक पहुंचे. साथ ही उन्होंने पीएम मत्स्य संपदा योजना की सफलता पर भी प्रकाश डाला, जिसने 2019 में लॉन्च होने के बाद से मछली उत्पादन और निर्यात को दोगुना कर दिया है.

3 करोड़ लखपति दीदी का टारगेट

गांवों और यहां की आबादी की समृद्धि के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए, पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण जैसी पहलों पर जोर दिया, जिसने लाखों गरीब लोगों को घर मुहैया कराए हैं. साथ ही उन्‍होंने सेल्‍फ हेल्‍प ग्रुप्‍स को वित्तीय रूप से सशक्त बनाने के प्रयासों पर जोर दिया. उन्‍होंने आगे कहा कि सरकार का लक्ष्य 3 करोड़ लखपति दीदी बनाना है, जिसमें 1.25 करोड़ से अधिक महिलाएं पहले ही यह उपलब्धि हासिल कर चुकी हैं. प्रधानमंत्री ने ग्रामीण विकास और कृषि समृद्धि पर सरकार के फोकस को दोहराया. पीएम ने कहा कि एक विकसित राष्‍ट्र बनने की दिशा में भारत की यात्रा उसके किसानों के सशक्तीकरण से प्रेरित है.

Published: 1 Mar, 2025 | 02:37 PM