‘सुपरफूड’ माना जाता है काला टमाटर, होती है लाखों में कमाई

एक अनुमान के मुताबिक, काले टमाटर की खेती का खर्च निकालने के बाद किसान 4 से 5 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर तक का शुद्ध मुनाफा कमा सकता है. यानी किसान 3 से 4 महीने में लखपति बन सकते हैं.

नोएडा | Published: 26 Apr, 2025 | 04:11 PM

लाल रंग के टमाटर तो आपने देखे होंगे. भारतीय रसोई का अभिन्न हिस्सा हैं लाल टमाटर. लेकिन क्या आपने कभी काले रंग का टमाटर देखा है? जी हां लाल रंग के अलावा टमाटर काले रंग का भी होता है. काले टमाटर की खेती सबसे पहले इंग्लैंड में शुरू हुई थी, लेकिन अब भारत में भी बड़े पैमाने पर काले टमाटर की खेती होने लगी है. काले टमाटर की खेती से किसानों को भी बहुत मुनाफा होता है. उनकी कमाई लाखों में होती है. तो चलिए इस खबर में बात कर लेते हैं कि कैसे होती है काले टमाटर की खेती, इसे सुपरफूड क्यों कहा जाता है औक इसकी खेती से कितनी होती है कमाई.

क्यों कहा जाता है ‘सुपरफूड’

काले टमाटर की खेती सबसे पहले इंग्लैंड में शुरू हुई थी. इंग्लैंड में लोग इसे इंडिगो रोज टोमेटो के नाम से जानते हैं. हालांकि, पूरे यूरोप में लोग काले टमाटर को ‘सुपरफूड’ के रूप में इस्तेमाल करते हैं. बता दें कि लाल टमाटर के मुकाबले काले टमाटर में बहुत से पोषक तत्व होते हैं. भारत में सबसे पहले पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में काले टमाटर की खेती शुरू हुई थी. लेकिन अब बाजार में इसकी बढ़ती मांग और इससे होने वाली अच्छी कमाई को देखते हुए दूसरे राज्यों में भी इसकी खेती होने लगी है.

काला टमाटर क्यों है खास

काले टमाटर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये जल्दी खराब नहीं होता, सड़ता नहीं है. इसमें लाल टमाटर के मुकाबले कम बीज होते हैं. बता दें कि काले टमाटर के बीज शुरुआत में हल्के काले होते हैं. आगे जाकर जब टमाटर पक जाता है तो पूरा काला हो जाता है. इसके साथ ही इसकी एक और खास बात है. इसे लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है और पेड़ से टूटने के बाद ये काफी दिनों तक ताजा रहता है. हालांकि ये टमाटर देखने में ऊपर से काला होता है लेकिन अंदर से लाल होता है. इसका स्वाद लाल टमाटर जैसा नहीं होता है, बल्कि ये थोड़ा नमकीन होता है.

कैसे करें खेती और क्या हैं फायदे

काले टमाटर की खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए. यह गर्म जलवायु में तेजी से ग्रोथ करता है. अगर भारत के किसान काले टमाटर की खेती करते हैं, तो उन्हें बंपर उपज मिलेगी, क्योंकि यहां की जलवायु गर्म है. इसकी खेती लाल टमाटर के जैसे ही की जाती है. काले टमाटर की बुवाई करने के लिए दिसंबर और जनवरी का महीना सबसे सही रहता है. जब आप इस समय काले टमाटर की बुवाई करते हैं तो मार्च-अप्रैल तक आपको इसकी फसल मिलना शुरू हो जाती है.

इसके साथ ही काले टमाटर में बहुत से औषधीय गुण पाए जाते हैं. यह वजन कम करने से लेकर, शुगर लेवल को कम करने और कोलेस्ट्रॉल को घटाने में भी उपयोगी है. वहीं, इसका नियमित सेवन करने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों में भी काफी फायदा मिलता है.

काले टमाटर से कितनी होती है कमाई

बाजार में काले टमाटर की बढ़ती मांग के देखते हुए देश की बड़ी मंडियों में काले टमाटर आने लगे हैं. बात करें इसकी खेती में आने वाली लागत की तो वो लाल टमाटर के बराबर ही होती है. एक अनुमान के मुताबिक, काले टमाटर की खेती का खर्च निकालने के बाद किसान 4 से 5 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर तक का शुद्ध मुनाफा कमा सकता है. यानी किसान 3 से 4 महीने में लखपति बन सकते हैं.