बैंगन भारत में उगाई जाने वाली प्रमुख सब्जियों में से एक है, लेकिन इसके पौधों कई बार बीमारियों का शिकार हो जाते हैं. अगर इन पौधों की सही देखभाल न की जाए, तो उत्पादन में भारी गिरावट आ सकती है. ऐसे में जानिए कैसे रोग लगने पर आप अपने बैंगन के पौधों का बचाव कर सकते हैं.
बैंगन के पौधों में होने वाली सामान्य बीमारियां
उकठा रोग
बैंगन के पौधों में लगने वाला सबसे सामान्य रोग उकठा है, इसमें पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं और धीरे-धीरे मुरझाकर गिर जाती हैं. समस्या गंभीर होने पर पौधे की जड़ें सड़ने लगती हैं और पौधा सूख जाता है.
उपाय: प्रभावित पौधों को तुरंत हटा दें. साथ ही खेत में जल निकासी का सही प्रबंध करें. बीज बोने से पहले ट्राइकोडर्मा विरिडी जैविक फफूंदनाशी का इस्तेमाल करें.
पत्ती धब्बा रोग
इस रोग में पत्तियों पर भूरे या काले धब्बे बनते हैं और अधिक संक्रमण होने पर पत्तियां झड़ने लगती हैं.
उपाय: संक्रमित पत्तियों को नष्ट कर दें और कॉपर ऑक्सीक्लोराइड या मैनकोजेब 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें.
जड़ गलन रोग
बैंगन के पौधे की जड़ें रोग लगने पर गलने लगती हैं और पौधा अचानक मुरझा जाता है. यह रोग मिट्टी में अत्यधिक नमी होने पर बढ़ती है.
उपाय: खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें और नीम खली या जैविक खाद का उपयोग करें. समस्या गंभीर होने पर ट्राइकोडर्मा युक्त जैविक कवकनाशी का छिड़काव करें.
बैंगन की फसल के लिए सावधानियां
–खेत की नियमित निराई-गुड़ाई करें ताकि खरपतवार न बढ़े.
–पौधों में संतुलित पोषक तत्वों की आपूर्ति के लिए जैविक और रासायनिक खाद का संयोजन करें.
–अत्यधिक नमी और जलभराव से बचें.
–बैंगन की फसल चक्र अपनाएं और हर वर्ष उसी स्थान पर बैंगन न लगाएं.
–पौधों की नियमित निगरानी करें और प्रारंभिक अवस्था में ही बीमारियों व कीटों का नियंत्रण करें.