गर्मी जब अपने चरम पर होती है और तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच जाता है, तो फलों के पेड़ भी बेहाल हो जाते हैं. जब हवा भी तेज चलने लगे और वातावरण में नमी भी कम हो जाए, तो यह स्थिति बनती है सनबर्न और सन स्काल्ड की. इस दौरान पत्तियां सूखने लगती हैं, फल झुलस जाते हैं, और सबसे ज्यादा असर होता है बाग की उस दिशा में जहां सबसे ज्यादा देर तक सीधी धूप पड़ती है, यानी दक्षिण-पश्चिम दिशा. तो आइए जानते हैं कैसे करें फलों के पेड़ों का बचाव.
कौन से पेड़ सबसे ज्यादा प्रभावित
हर पेड़ इस झुलसती गर्मी को एक जैसा नहीं झेल सकता. खासकर नींबू प्रजातियों के पेड़, जिनकी त्वचा पतली और नाजुक होती है. उन्हें यह नुकसान बहुत जल्दी होता है. दिन में सूर्य की गर्मी और रात में अचानक तापमान गिर जाता है. मौसम में यह बदलाव इन पेड़ों के लिए खतरनाक साबित होता है.
क्या करें जब धूप पेड़ों को जला दे?
किसान के पास सूरज की दिशा बदलने का तो कोई उपाय नहीं, लेकिन वह अपने पेड़ों की हिफाजत जरूर कर सकता है. आइए जानते हैं खेत से जुड़ी हुई तकनीकें, जो इन पेड़ों को राहत दे सकती हैं.
1. छांव का सहारा, जैसे मां की छतरी
नए पौधे, छोटे पेड़ या गमले में लगे पौधों को सीधी धूप से बचाना जरूरी होता है. इसके लिए किसान कांस, मूंज या टाट की टट्टी बनाकर पौधों को ढक सकते हैं.
2. तनों को अखबार से ढकना
अगर आपके बगीचे में पहले से लगे पेड़ हैं, तो आप उनके तनों को अखबार या बोरे से ऊपर से नीचे तक लपेट सकते हैं. इससे सूर्य की गर्म किरणें सीधे तनों पर असर नहीं डालेंगी और पेड़ अपनी नमी बचा पाएंगे.
3. समय पर सिंचाई
गर्मी में सिंचाई का वक्त बेहद मायने रखता है. दिन में अचानक पानी देने से पेड़ सदमे में आ सकते हैं. इसलिए सबसे बेहतर समय होता हैरात 2 बजे से सुबह 9 बजे के बीच. इस समय न मिट्टी बहुत गर्म होती है और न ही पौधा. खेत की मिट्टी कैसी है और वहां का तापमान कैसा है, इसे समझकर सिंचाई का अंतराल तय करें. नमी बनी रहे, पर जलजमाव न हो. यही संतुलन पेड़ों को राहत देता है.
4. पेड़ों को सफेद चादर ओढ़ाएं
बसंत के मौसम में पेड़ों की छाल पर चूने की दोहरी परत चढ़ा देना न केवल गर्मी से बचाता है, बल्कि कीटों से भी रक्षा करता है. यह बिल्कुल वैसा है जैसे हम गर्मी में सफेद कपड़े पहनते हैं ताकि गर्मी कम लगे.
5. बगीचे की दीवार बनाएं
पश्चिम दिशा से आने वाली गर्म हवाएं पेड़ों को बुरी तरह झुलसा देती हैं. बाग लगाते समय उस दिशा में जामुन, कटहल, बांस, महुआ जैसे लम्बे, घने और सदाबहार पेड़ लगाएं, ताकि वह हवाओं की रफ्तार को रोक सकें. अगर पेड़ लगाने का समय न हो, तो तब तक कच्ची या पक्की दीवारें भी बनाकर पेड़ों को हवा से बचाया जा सकता है.
6. नर्सरी के पौधे
नन्हे पौधे जो अभी सिर्फ कोंपल भर हैं, उन्हें सीधी धूप से बचाना और भी जरूरी होता है. इनके लिए ग्रीनहाउस या शेडनेट का इस्तेमाल किया जा सकता है. आजकल कम खर्च में भी सस्ती सामग्री से ऐसा ढांचा तैयार किया जा सकता है, जो पौधों को धूप से बचाए रखें.