नकली बीज और कीटनाशक बेचने पर कड़ी सजा, 3 साल की जेल और 5 लाख रुपये जुर्माना लागू

हरियाणा सरकार ने किसानों के हित में नए कानून का प्रस्ताव किया है, जिसके तहत अब अगर कोई पहली बार नकली बीज बेचता है, तो उसे 1 से 2 साल तक की सजा और 1 लाख रुपये से लेकर 3 लाख रुपये तक का जुर्माना हो

Noida | Published: 24 Mar, 2025 | 10:04 AM

हरियाणा सरकार ने किसानों की रक्षा और कृषि क्षेत्र के विकास के लिए एक अहम कदम उठाया है. विधानसभा में हाल ही में पेश किए गए नए बिल के अनुसार, अगर कोई नकली या मिलावटी बीजों का उत्पादन या बिक्री करता है, तो उसे 2 साल तक की सजा और 3 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. इस फैसले का मुख्य उद्देश्य किसानों को नकली बीजों से होने वाले नुकसान से बचाना और कृषि क्षेत्र में सुधार लाना है.

पहले सजा होती थी कम

पहले हरियाणा में बीजों के व्यापार को नियंत्रित करने के लिए बीज अधिनियम, 1966 लागू था. इस कानून के तहत अगर कोई व्यक्ति नकली बीज बेचता था, तो उसे सिर्फ 500 रुपये तक जुर्माना भरना पड़ता था. इस मामूली सजा के कारण कई कंपनियां और दुकानदार बिना किसी डर के नकली बीज बेचते रहते थे, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा था और उनकी फसलें खराब हो रही थीं.

नए कानून में जुर्माना बढ़ा

हरियाणा सरकार ने किसानों के हित में नए कानून का प्रस्ताव किया है, जिसके तहत अब अगर कोई पहली बार नकली बीज बेचता है, तो उसे 1 से 2 साल तक की सजा और 1 लाख रुपये से लेकर 3 लाख रुपये तक का जुर्माना होगा. अगर कोई व्यक्ति फिर से दोषी पाया जाता है, तो उसे 3 साल तक की सजा और 3 लाख से 5 लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है.

यह नया कानून किसानों की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी कदम है, क्योंकि नकली बीज और कीटनाशकों के कारण उनकी फसलें बर्बाद हो रही थीं और इससे उनका आर्थिक नुकसान हो रहा था.

किसानों को हो रहा था भारी नुकसान

पिछले कुछ सालों में हरियाणा में नकली और मिलावटी बीजों की बिक्री में तेजी आई है. कई व्यापारी और कंपनियां खराब और निम्न गुणवत्ता वाले बीजों को अच्छे बीजों के नाम पर बेचकर किसानों को धोखा दे रहे थे. इसके कारण किसानों की मेहनत बेकार हो रही थी और उनकी फसलें खराब हो रही थीं. इसके साथ ही नकली कीटनाशकों के कारण फसलों पर भी बुरा असर पड़ रहा था, जिससे उत्पादन में कमी हो रही थी और किसानों का आर्थिक संकट बढ़ रहा था.

यह कदम क्यों है जरूरी?

कृषि हरियाणा की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है. राज्य के लाखों किसान अपनी आजीविका के लिए खेती पर निर्भर हैं. नकली बीजों और कीटनाशकों की बिक्री से उनकी मेहनत और खेती खराब होने लगी थी. अब नए कानून के तहत किसानों को सही और उच्च गुणवत्ता वाले बीज मिलेंगे, जिससे उनकी फसलें बेहतर होंगी और कृषि उत्पादकता में भी सुधार होगा.