करेला न सिर्फ स्वाद में अलग होता है, बल्कि इसके सेहतमंद गुणों के कारण यह भारत के कई हिस्सों में खूब उगाया और खाया जाता है. लेकिन किसानों को इस फसल में कई बार एक छोटे से कीट से बड़ा नुकसान झेलना पड़ता है, जिसे कहते हैं लाल मकड़ी या रेड स्पाइडर माइट. यह छोटा सा कीड़ा इतना नुकसान कर सकता है कि पूरी फसल खराब हो जाए. आइए जानते हैं कि ये कीट क्या होते हैं, कैसे पहचानें और किस तरह से इनसे बचाव करें.
लाल मकड़ी (रेड स्पाइडर माइट) क्या होती है?
लाल मकड़ी का वैज्ञानिक नाम Tetranychus spp. है. ये बहुत ही छोटे यानी महज 0.2 मिमी आकार के होते हैं, यानी नंगी आंखों से इन्हें देखना भी मुश्किल हो सकता है. ये दिखने में मकड़ी जैसे होते हैं. ये कीट गर्म और सूखे मौसम में तेजी से बढ़ते हैं और पौधों की पत्तियों से रस चूसते हैं, जिससे पौधा धीरे-धीरे कमजोर हो जाता है.
कैसे करें पहचान?
अगर आपके करेले के खेत में नीचे दिए गए लक्षण दिखें, तो सतर्क हो जाएं-
पत्तियों पर पीले या छोटे-छोटे धब्बे: कीट पत्तियों का रस चूसते हैं, जिससे पत्तियां हल्की पीली या दागदार हो जाती हैं.
बारीक जाले: जब कीटों की संख्या बढ़ जाती है, तो पत्तियों और फल के आसपास महीन जाले बनते हैं.
फल की संख्या में कमी: कीट पौधे को कमजोर कर देते हैं, जिससे फल कम या खराब आने लगते हैं.
पत्तियों के नीचे लाल-नारंगी कीड़े: ध्यान से देखने पर पत्तियों के नीचे छोटे-छोटे लाल रंग के कीट दिख सकते हैं.
लाल मकड़ी से बचाव के असरदार तरीके:
नियमित जांच करें: खेत में समय-समय पर पौधों को ध्यान से देखें, खासकर पत्तियों के नीचे. शुरुआती पहचान से ही नुकसान को रोका जा सकता है.
प्राकृतिक कीटभक्षियों को बढ़ावा दें: जैसे कि लेडीबर्ड (सोनपरी), लेसविंग और शिकारी माइट्स. ये लाल मकड़ी को खाकर उनकी संख्या कम कर देते हैं. खेत में फूलदार पौधे लगाएं ताकि ये अच्छे कीट खेत में टिके रहें.
स्वच्छता बनाए रखें: खेत में गिरी हुई पत्तियों और संक्रमित हिस्सों को हटा दें. इससे कीटों के फैलने का खतरा कम होगा.
पानी का सही उपयोग: ये कीट सूखे में तेजी से फैलते हैं. इसलिए पौधों को सही मात्रा में पानी दें, खासकर पत्तियों के नीचे की ओर भी हल्का पानी छिड़कें.
कीटनाशक का इस्तेमाल सोच-समझकर करें: जब कीट बहुत ज्यादा फैल जाएं, तभी दवा का सहारा लें. हमेशा ऐसा कीटनाशक चुनें जो खासतौर से रेड स्पाइडर माइट को निशाना बनाता हो और फायदेमंद कीड़ों को नुकसान न पहुंचाए.