रजनीगंधा को कीटों-बीमारियों से बचाने का ये है आसान तरीका कैसे बचाएं, पढ़ें टिप्स

कई बार रजनीगंधा में कीट लगने और बीमारियां होने के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. क्योंकि ठंड के दिनों में रजनीगंधा में माहू कीट का आक्रमण बहुत तेजी से होता है.

नई दिल्ली | Updated On: 23 Apr, 2025 | 03:08 PM

रजनीगंधा के फूल गजरे के रूप में महिलाओं के श्रंगार में चार चांद लगाते हैं. अपनी मनमोहक सुगंध के लिए रजनीगंधी के फूल काफी लोकप्रिय हैं. इसके फूलों से बहुमूल्य सुगंधित तेल भी तैयार किया जाता है. किसानों को रजनीगंधा की खेती से अच्छा मुनाफा होता है.लेकिन कई बार रजनीगंधा में कीट लगने और बीमारियां होने के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. क्योंकि ठंड के दिनों में रजनीगंधा में माहू कीट का आक्रमण बहुत तेजी से होता है. तो चलिए इस खबर में बात कर लेते हैं कि किस तरह आप रजनीगंधा के फूलों को कीट लगने से बचा सकते हैं.

माहू कीट लगने के लक्षण

बेमौसम बारिश के कारण कई बार फसलों को धूप न मिल पाने के कारण फसल बर्बाद हो जाती है. ऐसा ही रजनीगंधा के साथ भी है. बेमौसम बारिश के कारण रजनीगंधा के फूलों पर भी माहू कीट का आक्रमण हो जाता है. फूल में माहू कीट के मुख्य लक्षण हैं फूल और पत्तियों का पीला हो जाना, पत्तियों का मुड़ जाना , किसी-किसी पौधे में पत्तियों और टहनियां सुखने लगती हैं. माहू कीट रजनीगंधा के पौधे का रस चूस लेते हैं जिसके कारण फूल और पत्तियां सूखने लगती हैं और पौधों की ग्रोथ रुक जाती है. कई बार माहू कीट लगने पर पौधे पर फफूंद भी दिखने लगती है जो कि पौधों को और ज्यादा खराब कर देती है.

ऐसे करें कीट लगने से बचाव

रजनीगंधा में माहू कीट लगने पर आप देसी उपाय अपना सकते हैं . एक लीटर गोमूत्र, एक किलो गोबर, एक किलो नीम की पत्ती, 100 ग्राम गुड़, एक किलो चने का बेसन लेकर 10 लीटर पानी में डालकर 10 से 15 दिन के लिए ढक दें. इस मिश्रण को छानकर पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करें. इसके अलावा आप पौधों की नियमित रूप से जांच करते रहें ताकि कीटों के लगने की पहचान हो सके और आप समय रहते पौधे को खराब होने से बचा सकें.

पौधे को लगा जाती हैं बीमारियां

रजनीगंधा के पौधे में कई बीमारियां भी लग जाती हैं , जिनके कारण पत्तियां मुरझाने लगती है . उनका रंग पीला होने लगता है. अगर आपका पौधे में भी आपको बीमारी के लक्षण दिखने लगें तो पौधे को बीमारी से बचाने के लिए 2 ग्राम जीनेब को प्रति लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर एकड़ खेत में स्प्रे करें. इस उपाय से पौधे को बीमारियों से बचाया जा सकता है.

Published: 23 Apr, 2025 | 03:03 PM