गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना राजस्थान सरकार की एक खास पहल है, जो पशुपालकों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए बनाई गई है. इस योजना के तहत पशुपालक किसानों को 1 लाख रुपये तक का ब्याजमुक्त लोन दिया जाता है. ये लोन एक साल की अवधि के लिए होता है, जिससे पशुपालक अपने पशुधन को बेहतर बना सकते हैं और अपनी आय बढ़ा सकते हैं. ये योजना ग्रामीण क्षेत्रों के गोपालक परिवारों के लिए खासतौर पर मददगार है. क्या है ये योजना? चलिए जानते हैं
248 करोड़ रुपये तक लोन की मंजूरी
पशुपालन राजस्थान की अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा है. सरकार ने पशुपालकों की मुश्किलों को समझते हुए इस योजना की शुरूआत की. इसका मकसद है कि पशुपालक अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें और आर्थिक तंगी से न जूझें. इस योजना के तहत मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की ने लाखों परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है. साल 2024-25 में 1 लाख से ज्यादा आवेदन आए और 37,400 से अधिक परिवारों को 248 करोड़ रुपये का लोन मंजूर हुआ.
सरकार का लक्ष्य है 5 लाख गोपालक जोड़ना
इस के तहत मिलने वाला लोन पशुपालक गाय या भैंस के लिए शेड बनाने, चारा खरीदने, खेली तैयार करने और जरूरी उपकरण लेने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. सरकार यह सुनिश्चित करती है कि लोन का पैसा सही काम में लगे. इस योजना के तहत सरकार का लक्ष्य है 5 लाख गोपालक परिवारों को जोड़ना. साल 2025-26 के बजट में 2.5 लाख और परिवारों को शामिल करने का प्लान है. इसके लिए भजनलाल सरकार 150 करोड़ रुपये का अनुदान भी प्रस्तावित है.
लोन समय पर चुकाने पर ब्याज से छुटकारा
गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ लेने के लिए पशुपालक का प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति का सदस्य होना जरूरी है. अगर लोन समय पर चुकाया जाता है तो कोई ब्याज नहीं देना पड़ता. ये सुविधा पशुपालकों के लिए बड़ा सहारा है, क्योंकि इससे उनकी आर्थिक चिंताएं कम होती हैं. समय पर भुगतान से न केवल ब्याज से छूट मिलती है, बल्कि पशुपालक बिना अतिरिक्त बोझ के अपने पशुधन की देखभाल, चारा खरीद, शेड निर्माण और अन्य जरूरी उपकरणों के लिए धन का उपयोग कर सकते हैं. यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और पशुपालकों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देती है.