चने की फसल को खरपतवार से बचाएं, अपनाएं ये कारगर उपाय

यदि खरपतवारों पर समय रहते नियंत्रण नहीं किया जाए, तो ये फसल के पोषक तत्वों को खत्म कर सकते हैं.

Agra | Updated On: 8 Mar, 2025 | 05:50 PM

चना भारत की एक प्रमुख दलहनी फसल है, जिसे रबी सीजन में उगाया जाता है. प्रोटीन से भरपूर चने की खेती कम पानी में की जा सकती है. इसकी फसल पर सबसे बड़ा खतरा खरपतवार से इसकी पैदावार घटने का होता है.

यदि खरपतवारों पर समय रहते नियंत्रण नहीं किया जाए, तो ये फसल के पोषक तत्वों को खत्म कर सकते हैं और इससे उत्पादन 30-40% तक घट सकता है. आइए जानते हैं कुछ प्रभावी उपाय, जिनसे आप चने की फसल को खरपतवारों से बचा सकते हैं.

चने के खेत में पाए जाने वाले खरपतवार

चने के खेत में मुख्य रूप से बथुआ, हिरणखुरी, अकवन, सती, मूंज घास, क्रूसीफर खरपतवार और डोब घास जैसी खरपतवार पाई जाती हैं. ये चने को मिलने वाले पोषक तत्वों को खत्म कर देते हैं, जिससे फसल को भारी नुकसान होता है.

रखें इन जरूरी बातों का ध्यान:

 

खेत की तैयारी

चने की बुवाई से पहले खेत की अच्छी तरह जुताई करें. साथ ही, पहली बारिश के बाद एक गहरी जुताई करें, ताकि खरपतवारों के बीज अंकुरित न हो पाएं. खरपतवारों की जड़ों को खत्म करने के लिए रोटावेटर या हैरो का उपयोग करें और मिट्टी को भुरभुरी कर दें.

फसल चक्र अपनाएं

हर साल खेत में एक तरह की फसल न लगाएं. फसल चक्र अपनाएं जिससे चने की खेती के साथ गेहूं, सरसों या ज्वार-बाजरा की फसल लेने से खरपतवारों का प्रभाव कम होता है.

निराई-गुड़ाई

चने की फसल लगने के 20-30 दिन के अंदर ही पहली निराई-गुड़ाई कर लें. इसके बाद दूसरी गुड़ाई 40-45 दिन बाद करें, ताकि खरपतवार पूरी तरह नष्ट हो जाएं.

मल्चिंग तकनीक का इस्तेमाल

खेत में पुआल या घास की परत बिछाने से खरपतवारों की वृद्धि रुकती है. साथ ही, यह नमी को बनाए रखने में भी मदद करता है और फसल को अधिक पोषण मिलता है.

जैविक और रासायनिक नियंत्रण के उपाय

खरपतवार नियंत्रण के लिए पेन्डीमिथालिन 30% या इमेजाथापायर 10% का छिड़काव बुवाई के तुरंत बाद करें. इसके साथ ही जैविक नियंत्रण के लिए गोमूत्र, नीम का अर्क या देशी खाद के इस्तेमाल से खरपतवारों पर नियंत्रण पाया जा सकता है.

बुवाई का सही तरीका अपनाएं

बीजों को कतारों के बीच 30-35 सेमी की दूरी पर लगाएं. अधिक घनी बुवाई से खरपतवारों के लिए जगह नहीं बचती, जिससे वे पनप नहीं पाते.

बताए गए उपायों की मदद से खरपतवारों पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकता है. यदि किसान सही तकनीक अपनाते हैं, तो उनकी चने की फसल अधिक उपज देने के साथ-साथ बेहतर गुणवत्ता वाली होगी.

Published: 6 Mar, 2025 | 05:00 PM