तोड़ाई के बाद आमों की ऐसे करें देखभाल, वरना होगा नुकसान

अगर तोड़ाई के समय सावधानी न बरती जाए, तो मेहनत से उगाया गया आम, बाजार तक पहुंचने से पहले ही खराब हो सकता है.

नई दिल्ली | Published: 18 Apr, 2025 | 02:26 PM

किसी भी किसान के लिए सबसे ज्यादा खुशी का मौका तक होता है, जब उसके आम के बागों में पेड़ फलों से लद जाते हैं. लेकिन किसानों का इसी वक्त सबसे जरूरी काम शुरू होता है, वो है आम की तोड़ाई और उसके बाद की देखभाल. अगर तोड़ाई के समय सावधानी न बरती जाए, तो मेहनत से उगाया गया आम, बाजार तक पहुंचने से पहले ही खराब हो सकता है. चलिए जानते हैं आम की तोड़ाई और भंडारण के जरूरी तरीके, ताकि किसानों को मिल सकते उनकी मेहनत का मुनाफा.

आम की तोड़ाई कब और कैसे करें?

आम की फसल को तोड़ने का सही समय पहचानना बेहद जरूरी हो जाता है. आमतौर पर आम 12 से 15 हफ्तों में पूरी तरह पककर तैयार हो जाते हैं. जैसे कि दशहरी और लंगड़ा किस्म के आम लगभग 12 हफ्तों में तैयार हो जाते हैं, जबकि चौसा और मल्लिका को लगभग 15 हफ्ते लगते हैं. ध्यान रहे जब फल पूरी तरह बड़े हो जाएं, तो उनकी तुड़ाई 8 से 10 मिलीमीटर लंबी डंठल के साथ करनी चाहिए. इससे आम की सतह पर “चेप” नहीं लगता और पकने के बाद उस पर कोई दाग नहीं पड़ते. तुड़ाई करते समय यह भी ध्यान दें कि फलों को किसी प्रकार की चोट या खरोंच न पहुंचे, ताकि उनकी गुणवत्ता बनी रहे और बाजार में उन्हें बेहतर कीमत मिल सके.

आधुनिक यंत्र से तोड़ाई आसान

आम की तुड़ाई के लिए अब बाजार में कई मशीनें भी आने लगी हैं. आम तोड़ने की मशीनों की मदद से किसान प्रति घंटे 600 से 800 फल तक बिना नुकसान के तोड़ सकते हैं. इससे तुड़ाई का काम न केवल तेजी से होता है, बल्कि फलों को खरोंच, चोट या टूटने से भी बचाया जा सकता है.

तुड़ाई के तुरंत बाद की देखभाल

आमों को किसी खुले और धूप वाली जगह पर रखने की बजाय छायादार, ठंडी और साफ जगह पर रखना चाहिए. इससे फल जल्दी नहीं पकते और उनकी ताजगी बनी रहती है. मिट्टी या धूल से फलों को बचाकर रखने से उनकी गुणवत्ता बरकरार रहती है, जिससे बाजार में उनकी अच्छी कीमत मिलती है. साथ ही, इन्हें सही तापमान पर रखने से स्टोरेज का समय भी बढ़ जाता है.

सुरक्षित पैकिंग है जरूरी

आम की पैकिंग के लिए 4 किलोग्राम तक वजन संभाल सकने वाले 0.5% छेद वाले गत्ते के बक्सों का इस्तेमाल करना चाहिए. ये स्टोरेज और ट्रांसपोर्ट दोनों के लिए बेस्ट होते हैं और सफर के दौरान इन्हें नुकसान नहीं होता.

बीमारियों से सुरक्षा

तोड़ाई के बाद आमों को 0.05% कार्बेंडाजिम के गुनगुने पानी में 10 मिनट तक डुबोकर रखें. इसके बाद फलों को सुखाकर ही पेटियों में बंद करें. इससे आप फलों को ऐंथ्रेक्नोज, स्टेम एंड रॉट, और ब्लैक रॉट जैसी बीमारियों से बचा सकते हैं.

स्टोरेज के सही तरीके

आम के फलों को लंबे समय तक ताजा रखने के लिए स्टोरेज की सही तकनीक बहुत जरूरी होती है. हर किस्म के आम को उसके अनुकूल तापमान पर रखना चाहिए. जैसे दशहरी, मल्लिका और आम्रपाली किस्मों को 2 डिग्री सेल्सियस पर रखा जाए तो ये 2 से 3 हफ्ते तक ताजा बने रहते हैं. वहीं लंगड़ा को 15 डिग्री और चौसा को 10 डिग्री सेल्सियस तापमान पर 85 से 90 प्रतिशत आर्द्रता के साथ सुरक्षित रखा जा सकता है.