एमएसपी गारंटी कानून की मांग को लेकर किसानों का संघर्ष लगातार जारी है. हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर स्थित दातासिंहवाला-खनौरी बॉर्डर पर किसान 110वें दिन भी आमरण अनशन पर डटे हुए हैं. किसान नेता जगत सिंह डल्लेवाल ने बताया कि आंदोलन को और मजबूती देने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के वरिष्ठ प्रतिनिधिमंडल ने बैंगलोर का दौरा किया.
इस दौरे के दौरान काका सिंह कोटड़ा, सुखत सिंह हरदोझंडे, लखविंदर सिंह औलख और अभिमन्यु कोहाड़ जैसे प्रमुख किसान नेता मौजूद रहे. उन्होंने गांधी भवन में कर्नाटक गन्ना उत्पादक संघ की राज्य स्तरीय समिति के साथ बैठक की और आंदोलन को आगे बढ़ाने की रणनीति तैयार की. किसानों का कहना है कि जब तक एमएसपी गारंटी कानून लागू नहीं होता, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा.
इस दौरान किसान नेताओं ने कुर्बुरु शांताकुमार के स्वास्थ्य की जानकारी ली, जो 14 फरवरी को केंद्र सरकार के मंत्रियों के साथ बैठक में भाग लेने के लिए चंडीगढ़ जाते समय एक दुर्घटना का शिकार हो गए थे. शांताकुमार ने भावनात्मक संदेश देते हुए कहा कि किसानों को उनके स्वास्थ्य की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि उन्हें MSP गारंटी कानून के लिए जारी इस आंदोलन को और अधिक मजबूती से आगे बढ़ाना चाहिए.
बैंगलोर में किसान नेताओं की बैठक
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के प्रतिनिधिमंडल ने कर्नाटक रायता संघ (किसान यूनियन) की प्रदेश कार्यकारिणी के साथ बैंगलोर में बैठक की है. इस बैठक में कर्नाटक के 20 जिलों के वरिष्ठ किसान नेता शामिल हुए और आंदोलन को तेज करने की रणनीति बनाई गई. इस दौरान किसानों ने कुर्बुरु शांताकुमार से मुलाकात कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की.
कब कैसे होंगे आगामी किसान सम्मेलन?
-15 मार्च को कर्नाटक के बैंगलोर में कार्यक्रम आयोजित होगा
-16 मार्च को तमिलनाडु के तनकाशी में प्रदेश स्तरीय किसान सम्मेलन होगा, जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) का राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल भाग लेगा.
-17 मार्च को चंडीगढ़ में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा का साझा सम्मेलन होगा, जिसमें बड़ी संख्या में कृषि विशेषज्ञ भी शामिल होंगे.
-21 मार्च को राजस्थान के श्रीगंगानगर और 22 मार्च को हरियाणा के फतेहाबाद में MSP गारंटी कानून के मुद्दे पर प्रदेश स्तरीय सेमिनार आयोजित किए जाएंगे.
-23 मार्च को शहीदे आजम भगत सिंह की शहादत दिवस पर सभी किसान मोर्चों पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
आंदोलन की अगली रणनीति
संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने 19 मार्च को चंडीगढ़ में केंद्र सरकार के मंत्रियों के साथ बैठक निर्धारित की है. इस बैठक में MSP गारंटी कानून की मांग को मजबूती से उठाया जाएगा. किसानों का यह संघर्ष न केवल उनकी फसलों के उचित मूल्य की गारंटी के लिए है, बल्कि पूरे कृषि क्षेत्र को एक मजबूत आर्थिक आधार देने के लिए भी है. आंदोलनकारियों का कहना है कि जब तक MSP गारंटी कानून लागू होने तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा.