आंध्र प्रदेश में नायडू सरकार ने पेश किया कृषि बजट, ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 61 करोड़ रुपये

आंध्र प्रदेश सरकार ने 48,340 करोड़ रुपये का महत्वपूर्ण कृषि बजट पेश किया है. इसका उद्देश्य कृषक समुदाय को सहायता प्रदान करना और कृषि उत्पादकता को बढ़ाना है. इस बजट में सरकार ने ऑर्गेनिक खेती को ध्‍यान में रखा है.

Updated On: 28 Feb, 2025 | 03:04 PM

आंध्र प्रदेश सरकार ने 48,340 करोड़ रुपये का महत्वपूर्ण कृषि बजट पेश किया है. इसका उद्देश्य कृषक समुदाय को सहायता प्रदान करना और कृषि उत्पादकता को बढ़ाना है. राज्य के कृषि मंत्री अत्चन्नायडू ने विधानसभा में एक सत्र के दौरान बजट पेश किया. इसमें किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में पर्याप्त आवंटन पर प्रकाश डाला गया. जानिए इस बजट में किसानों के लिए खास क्‍या है.

ड्रोन फार्मिंग के लिए सब्सिडी

कृषि बजट में मुख्य आवंटन में उर्वरक स्टॉक प्रबंधन के लिए 40 करोड़ रुपये, जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 61 करोड़ रुपये और कृषि मशीनरी सब्सिडी के लिए 139 करोड़ रुपये शामिल हैं. इसके अलावा बजट में 7.78 लाख क्विंटल बीजों के वितरण की सुविधा है. साथ ही 875 किसान ड्रोन फार्म मशीनीकरण केंद्रों की स्थापना के साथ-साथ ड्रोन सब्सिडी के लिए 80 करोड़ रुपये शामिल हैं.

बीज सब्सिडी को प्रमुखता

किसानों को और अधिक सहायता कृषि मशीनीकरण के लिए 219 करोड़ रुपये और बीज सब्सिडी वितरण के लिए 240 करोड़ रुपये के माध्यम से मिलती है. किसानों की वित्तीय स्थिरता को बढ़ाने के लिए, बजट में ब्याज मुक्त ऋण के लिए 250 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. अन्नदाता सुखीभव योजना को लागू करने के लिए 9,400 करोड़ रुपये का महत्वपूर्ण हिस्सा समर्पित है, जबकि 1,023 करोड़ रुपये मुफ्त फसल बीमा के लिए अलग रखे गए हैं.

आवंटन विभिन्न कृषि विभागों को भी दिया गया है, जिसमें कृषि विभाग को 12,401 करोड़ रुपये, बागवानी के लिए 930.88 करोड़ रुपये, रेशम उद्योग के लिए 96.22 करोड़ रुपये, सहकारिता विभाग के लिए 239.85 करोड़ रुपये, पशुपालन के लिए 1,112.07 करोड़ रुपये और मत्स्य पालन क्षेत्र के लिए 540.9 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

टेक्‍नोलॉजी को बढ़ावा

अपने मुख्य भाषण में, मंत्री अच्चन्नायडू ने देश के विकास के लिए कृषि विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया. उन्‍होंने कहा कि आंध्र प्रदेश की प्रगति विकासशील भारत के व्यापक दृष्टिकोण के साथ संरेखित होगी. उन्होंने खेती की लागत कम करने के लिए टेक्‍नोलॉजी का उपयोग करने के उद्देश्य को रेखांकित किया और हाल ही में 35.8 लाख मीट्रिक टन उर्वरक की आपूर्ति पर प्रकाश डाला.

उन्‍होंने प्राकृतिक खेती पर जागरूकता कार्यक्रम और भूमि मालिकों के लिए पहचान संख्या की शुरूआत जैसी पहलों की भी घोषणा की. इसके अलावा, पात्र किरायेदार किसानों को अधिकार कार्ड प्रदान किए जाएंगे, जो राज्य में कृषि क्षेत्र के लिए समर्थन बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

Published: 28 Feb, 2025 | 03:03 PM