अगर मैं पूछूं कि क्या आपने कर्नाटक के सेब का स्वाद चखा है? तो आप हैरान हों जाएंगे. आमतौर पर हम समझते हैं कि सेब की पैदावार पहाड़ों में ही होती है. लेकिन कर्नाटक के बागलकोट में रहने वाले श्रीशैल तेली जी ने मैदानों में सेब उगा दिया है. दरअसल श्रीशैल तेली को खेती का शौक था तो उन्होंने सेब की खेती को भी आजमाने की कोशिश की और उन्हें इसमें सफलता भी मिल गई. आज उनके लगाए सेब के पेड़ों पर काफी मात्रा में सेब उगते हैं जिसे बेचने से उन्हें अच्छी कमाई भी हो रही है.
पीएम मोदी ने श्रीशैल तेली की सेब खेती की सराहना की
पीएम मोदी ने कहा कि कर्नाटक के बागलकोट में रहने वाले श्रीशैल तेली ने सेब की खेती को मैदानों में सफलतापूर्वक उगाया है. अब उनके लगाए गए सेब के पेड़ों से वह अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. यह सफलता बताती है कि अगर शौक और मेहनत के साथ कुछ नया करने की कोशिश की जाए तो नए रास्ते खुल सकते हैं.दरअसल श्रीशैल तेली को खेती का शौक था तो उन्होंने सेब की खेती को भी आजमाने की कोशिश की और उन्हें इसमें सफलता भी मिल गई. आज उनके लगाए सेब के पेड़ों पर काफी मात्रा में सेब उगते हैं जिसे बेचने से उन्हें अच्छी कमाई भी हो रही है.
‘सचेत ऐप’ आपदाओं से सुरक्षा का स्मार्ट तरीका
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम के 121वें एपिसोड में ‘सचेत’ ऐप का जिक्र किया. ‘सचेत APP’ को भारत की National Disaster Management Authority (NDMA) ने विकसित किया है और यह ऐप विभिन्न प्रकार की आपदाओं के दौरान लोगों को सचेत रखने में मदद करता है. चाहे बाढ़ हो, सायक्लोन, भूस्खलन, सुनामी, जंगलों की आग, हिम-स्खलन, आंधी, तूफान या फिर बिजली गिरने जैसी घटनाएं. पीएम मोदी ने बताया कि इस ऐप के माध्यम से लोग मौसम विभाग से लाइव अपडेट्स प्राप्त कर सकते हैं, जो उन्हें किसी भी आपदा से पहले सचेत करेंगे. खास बात यह है कि यह ऐप विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध है, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें.
क्लाइमेट चेंज पर जनता को चेताया, पेड़ लगाने की अपील
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के 121वें एपिसोड में ‘एक पेड़ – मां के नाम’ अभियान की सराहना की. उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत पिछले एक साल में भारत में 1.4 बिलियन से अधिक पेड़ लगाए गए हैं. पीएम मोदी ने कहा कि यह पहल न केवल देश में, बल्कि विदेशों में भी माताओं के नाम पर पेड़ लगाने का प्रेरणास्त्रोत बनी है. उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे इस अभियान से जुड़कर पर्यावरण की रक्षा में योगदान दें और जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए पेड़ जरूर लगाएं.