पहलगाम में आतंकी हमले के बाद देश के नागरिकों में गु्स्सा है. पंजाब के सीमा से सटे गांवों और इलाकों के किसानों को अपने खेतों से फसल हटाने के निर्देश दिए गए हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत-पाक सीमा अटारी के पास बसे रौदावालां गांव में गुरुद्वारा साहिब से घोषणा की गई है कि बीएसएफ ने निर्देश दिए हैं कि गांव वाले खेतों को खाली कर लें और फसलों को उठा लें. इसके बाद किसानों ने अपनी कटी गेहूं की फसल को उठा लिया है.
सरपंच तरसेम सिंह बोले- हम बीएसएफ के साथ हैं
अटारी सीमा के पास बसे रौदावालां गांव में गुरुद्वारा साहिब से किसानों को लाउडस्पीकर के जरिए फसलों को हटाने संबंधी बीएसएफ के निर्देशों की जानकारी दी गई है. इससे जुड़े वीडियो भी सामने आए हैं. मीडिया से बात करते हुए रौदावालां गांव के सरपंच तरसेम सिंह ने कहा कि हम बीएसएफ के साथ हैं, बीएसएफ ने फसलें हटाने के लिए दो दिन का समय दिया है. वे जो भी कहेंगे हम उसका पालन करेंगे.
गांववालों की तारों के पार 150 किला खेती में फसल
सरपंच तरसेम सिंह ने कहा कि उनके गांव के लोगों की 150 किला से ज्यादा फसल तारों के उस पार है. उन्होंने कहा कि बीएसएफ ने कहा है कि 2 दिन के बाद गेट नहीं खुलेगा. उन्होंने बताया कि सामान्य दिनों में गांववालों की जरूरत के हिसाब सुबह 8 बजे खोल दिया जाता है. तरसेम सिंह ने कहा कि जब भी जंग जैसे हालात बनते हैं उन लोगों पर असर पड़ता है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा उन्होंने कहा कि पर्यटक पहलगाम में घूमने गए थे, बार-बार हमले होते हैं, हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि वह पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश दे और सबक सिखाएं.
Announcement in a Gurdwara Sahib near Indo-Pak border village Rouda wala Khurd, Amritsar to harvest the crops within two days (fields crossing zero line) BSF officials have said the locals villagers for the announcement. Local villager & Sarpanch Tarsem Singh says we are with the… pic.twitter.com/jwM2eGPnc3
— Akashdeep Thind (@thind_akashdeep) April 26, 2025
किसानों के लिए हर दिन 7-8 घंटे के लिए गेट खोलती है बीएसएफ
अमृतसर के भारत-पाक सीमावर्ती गांव रौदावाला खुर्द के पास गुरुद्वारा साहिब में घोषणा की गई है कि दो दिन के भीतर फसल काट ली जाए. बीएसएफ अधिकारियों ने स्थानीय ग्रामीणों को जानकारी देने के लिए घोषणा के लिए कहा है. बता दें कि भारत-पाक सीमा पर जीरो लाइन के पार किसानों की जमीनें हैं, जहां वे परमिशन के साथ खेती करते हैं और बीएसएफ दिन में 7-8 घंटे के लिए कृषि कार्यों के लिए गेट खोल देती है.