भोपाल. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक पूरी तरह गौमाता को समर्पित रही. सरकार ने फैसला लिया कि अब हर गाय के लिए मिलने वाली मदद की राशि दोगुनी कर दी जाएगी. साथ ही, गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने और सड़कों से आवारा पशुओं को हटाने की ठोस योजना पर मुहर लगी. इसके अलावा सिंचाई, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे जरूरी मुद्दों पर भी कई अहम फैसले लिए गए, जो आने वाले वक्त में गांव और किसानों की जिंदगी आसान बना सकते हैं.
गौसेवा सिस्टम से होगी
सरकार ने साफ कर दिया कि अब गायों की देखभाल सिर्फ भावनाओं का विषय नहीं, बल्कि नीति का भी हिस्सा बनेगी. बैठक में सबसे पहला फैसला यह हुआ कि अब गोशालाओं में रहने वाली गायों के लिए मिलने वाली सहायता राशि को 20 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये प्रति गाय प्रतिदिन कर दिया जाएगा. वहीं गौ विहार को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला किया. सरकार का कहना है कि अब राज्य में पीपीपी मॉडल यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत बड़े स्तर पर गौ विहार बनाएगी. इसके अतिरिक्त इस साल ऐसे आठ गौ विहार बनकर तैयार होंगे, जिनमें कम से कम 5,000 गायों की व्यवस्था की जा सकेगी. इन केंद्रों को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने की योजना है, ताकि इन पर सिर्फ सरकारी बोझ न हो, बल्कि समाज की भागीदारी भी तय हो.
डॉ. आंबेडकर के नाम से पशुपालन योजना
अब मुख्यमंत्री पशुपालन योजना डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम पर चलाई जाएगी. इसके तहत सरकार हर किसान को 25 गायों या भैंसों की एक यूनिट शुरू करने पर अनुदान देगी. एक किसान अधिकतम आठ यूनिट तक चला सकता है. इससे एक तरफ दूध उत्पादन बढ़ेगा, तो दूसरी ओर गांवों में रोजगार के मौके भी बढ़ेंगे. साथ ही, सरकार गौवंश को सड़कों से हटाने के लिए अभियान भी चलाएगी, ताकि बेसहारा जानवरों की हालत सुधारी जा सके.
60 हजार हेक्टेयर में सिंचाई योजना को मंजूरी
इसके अलावा, कैबिनेट ने सिंचाई के क्षेत्र में एक बड़ी योजना को हरी झंडी दी है. अब राज्य के 60 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की नई योजना लागू की जाएगी, जिससे मंदसौर जिले को खासतौर पर फायदा होगा.
सरकारी स्कूलों में पढ़ाई सुधारने की पहल
शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता सुधारने के लिए राज्य सरकार ने एक नई मुहिम की शुरुआत की है और इसके लिए एमओयू साइन किया गया है. वहीं मेडिकल एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने तय किया है कि पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे. इसके लिए सरकार एक रुपए सालाना की दर पर 25 एकड़ जमीन मुहैया कराएगी.