मूंग की खेती में पहला पानी कब लगाएं, किसान जान लें सही विधि

मूंग की खेती के लिए सही खेत तैयारी, उन्नत बीजों का चयन और उचित सिंचाई व्यवस्था करना जरूरी है. इसके अलावा, उर्वरक का सही उपयोग और कीटों से बचाव करने से अधिक उपज प्राप्त की जा सकती है.

Noida | Updated On: 7 Apr, 2025 | 04:31 PM

रबी की फसल कटने के बाद किसान गर्मी के मौसम में मूंग की खेती करने की तैयारी में लग जाते हैं. मूंग एक कम समय में तैयार होने वाली दलहनी फसल है, जो किसानों के लिए एक अच्छा विकल्प साबित हो सकती है. हालांकि, कई बार सही विधि और उचित देखभाल न होने के कारण अच्छी पैदावार नहीं मिल पाती. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यदि खेत की सही तैयारी, उन्नत बीजों का चयन और उचित सिंचाई व्यवस्था की जाए, तो मूंग की खेती से अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है.

कैसे करें खेत की तैयारी?

मूंग की बेहतर पैदावार के लिए सबसे पहले खेत की अच्छी तरह जुताई करना जरूरी है. खेत की गहरी जुताई करें ताकि मिट्टी पलट जाए और उसमें मौजूद खरपतवार(weeds) और कीट(pest) नष्ट हो जाएं. इसके बाद दो बार कल्टीवेटर से जुताई करें, जिससे मिट्टी भुरभुरी हो जाए. यदि खेत में दीमक की समस्या है, तो अंतिम जुताई से पहले क्यूनालफास 1.5 प्रतिशत चूर्ण 25 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से खेत में डालकर जुताई करें. इससे दीमक और अन्य हानिकारक कीटों से बचाव होगा.

बीजों का सही चयन और उपचार

मूंग की खेती में बीजों का सही चयन करना बेहद जरूरी है. ग्रीष्मकालीन मूंग के लिए हाइब्रिड बीजों का चुनाव करना चाहिए, क्योंकि ये अधिक उत्पादन क्षमता वाले होते हैं, और उच्च तापमान को सहन करने में सक्षम होते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, हाइब्रिड बीजों से प्रति हेक्टेयर 15 से 20 क्विंटल तक उपज प्राप्त की जा सकती है.

बीजों को बोने से पहले उनका उपचार करना भी जरूरी होता है. इसके लिए 20-25 किलोग्राम प्रति एकड़ बीजों को 3 ग्राम थायरम फफूंदनाशक प्रति किलो बीज के हिसाब से उपचारित करें. इससे बीज और भूमि जन्य बीमारियों से बचाव होगा. इसके अलावा, राइजोबियम कल्चर(rhizobium culture) से बीजों का उपचार करने से नाइट्रोजन स्थिरीकरण(nitrogen fixation) बेहतर होता है, जिससे फसल की वृद्धि में मदद मिलती है.

उर्वरक का सही उपयोग

मूंग की खेती के लिए संतुलित उर्वरक (fertilizer) का प्रयोग करना आवश्यक है. यदि संभव हो, तो पहले मिट्टी की जांच करा लें ताकि आवश्यक पोषक तत्वों की सही जानकारी मिल सके. मूंग की फसल के लिए 5 से 10 टन गोबर की खाद या कम्पोस्ट का प्रयोग करना लाभकारी होता है. इसके अलावा, प्रति हेक्टेयर 20 किलो नाइट्रोजन, 40 किलो फास्फोरस, 20 किलो पोटाश, 25 किलो गंधक और 5 किलो जिंक डालने से फसल की वृद्धि अच्छी होती है.

सिंचाई की सही विधि और समय

गर्मी में मूंग की फसल को अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि यह 25 से 40 डिग्री सेल्सियस तापमान को सहन कर सकती है. फिर भी, जब फसल फूलने की अवस्था में सूखे की स्थिति हो तब हल्की सिंचाई करने से उपज में बढ़ोतरी होती है.

सही देखभाल से मिलेगी अधिक उपज

मूंग की खेती में कीट और बीमारियों से बचाव करना भी जरूरी है। पत्ती खाने वाले कीटों और चूसक कीटों से बचाने के लिए जैविक कीटनाशकों का उपयोग करें। साथ ही, समय-समय पर खेत की निगरानी करें और किसी भी समस्या के संकेत मिलने पर तुरंत समाधान करें.

Published: 7 Apr, 2025 | 04:30 PM