उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के लिए बड़ी राहत की खबर है. अब उन्हें गन्ने की दो नई उन्नत किस्मों (19231 और 17451) के बीज आसानी से उपलब्ध होंगे. गन्ना मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने बताया कि सरकार किसानों तक इन बीजों को पहुंचाने के लिए पूरी व्यवस्था कर रही है. इन नई किस्मों की खासियत यह है कि ये ज्यादा उपज देने वाली, मीठी और रोग-प्रतिरोधक हैं, जिससे किसानों को ज्यादा मुनाफा होगा.
किसानों के लिए फायदेमंद नई किस्में
नई वैरायटी के गन्ने में बढ़िया मिठास, ज्यादा उत्पादन और बीमारियों से लड़ने की ताकत होगी. विशेषज्ञों का कहना है कि इनसे किसानों को बंपर फसल मिलेगी और उनकी आमदनी भी बढ़ेगी.
सरकार उठाएगी बीज वितरण का खर्च
सरकार ने यह फैसला लिया है कि इन बीजों को सोसायटी और चीनी मिलों तक सरकारी खर्चे पर पहुंचाया जाएगा. पहले किसानों को अच्छे बीजों के लिए दूर के शहरों तक जाना पड़ता था, लेकिन अब वे अपने ही जिले में इन्हें आसानी से खरीद सकेंगे.
नई गन्ना वैरायटी की खासियत
19231 (लाहिड़ी)- इस किस्म को शाहजहांपुर गन्ना शोध संस्थान में विकसित किया गया है. इसकी औसत उपज 92.05 टन प्रति हेक्टेयर होती है और इसमें 17.85% रस में चीनी व 13.20% गन्ने में चीनी परता पाई गई है. यह किस्म लाल सड़न रोग के प्रति रोगरोधी है और अगेती बुवाई के लिए उपयुक्त है.
17451 (कृष्णा)- यह किस्म खासतौर पर पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए बनाई गई है. इसे भी अगेती बुवाई के लिए उपयुक्त माना जा रहा है.
नामकरण की खास बात
19231 (लाहिड़ी) का नाम स्वतंत्रता सेनानी राजेंद्र नाथ लाहिड़ी के सम्मान में रखा गया है.
17451 (कृष्णा) को इसे विकसित करने वाले वैज्ञानिक डॉ. कृष्णानंद की याद में नाम दिया गया है.
गन्ना किसानों को क्या होगा फायदा?
ज्यादा उत्पादन, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी.
बेहतर मिठास और ज्यादा चीनी की मात्रा.
रोग-प्रतिरोधक क्षमता, जिससे खेती आसान होगी.
सरकारी मदद से बीज वितरण, जिससे किसानों को कोई परेशानी न हो.
उत्तर प्रदेश में कुल 120 चीनी मिलों में से 93 निजी, 24 सहकारी और 3 राज्य चीनी निगम (UPSSC) के अंतर्गत आती हैं. अब इन नई किस्मों की मदद से यूपी के गन्ना किसान ज्यादा उत्पादन कर पाएंगे और उनकी आमदनी भी बढ़ेगी. सरकार जल्द ही इस योजना का आधिकारिक आदेश जारी करेगी, जिससे किसान बिना किसी परेशानी के इन उन्नत बीजों का लाभ उठा सकें.