बीते दिनों पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े कदम उठाए हैं. इसमें सिंधु जल समझौते को रद्द करना भी शामिल है. इस फैसले के तहत भारत से निकलकर पाकिस्तान की ओर जाने वाली 6 नदियों का पानी रोका गया है. केंद्र सरकार के इस निर्णय को भारतीय किसान यूनियन टिकैत के नेता नरेश टिकैत ने गलत बताया है. उन्होंने कहा कि किसानों को पानी की जरूरत होती है, इसलिए हम इस फैसले के खिलाफ हैं. इस पर किसान नेता गुणी प्रकाश ने टिकैत को आड़े हाथों लेते हुए उन्हें जेल भेजने की मांग सरकार से की है.
पहलगाम हमले के बाद केंद्र सरकार ने रद्द की है संधि
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादी हमले के बाद भारत सरकार ने एक्शन लेते हुए पाकिस्तान के साथ हुए कई समझौतों को खत्म कर दिया है. इन समझौतों में सिंधु जल समझौता भी शामिल है. इस समझौते के तहत भारत से निकलने वाली 6 नदियों का पानी के बंटवारा हुआ है. अब भारत के इस समझौते को खत्म करने से पाकिस्तान में पेयजल संकट और फसलों की सिंचाई का संकट खड़ा होने की आशंका जताई गई है. इससे वहां खाद्य उत्पादन में भारी गिरावट आने के साथ ही कई राज्यों को सिंधु नदी से जलापूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित होने की बात एक्सपर्ट ने कही है.
नरेश टिकैत ने फैसले को गलत बताया
एएनआई के अनुसार भाकियू टिकैत के नेता नरेश टिकैत ने सिंधु जल संधि पर कहा कि यह गलत फैसला है. संधि जारी रहनी चाहिए थी. हम इसके खिलाफ हैं. हम किसान हैं और हर किसान को पानी की जरूरत है.” इससे पहले नरेश टिकैत ने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि हम पूर्ण रूप से आतंकवाद के खिलाफ हैं पूरा देश इसके खिलाफ ठोस कार्रवाई की आशा कर रहा है. हम अपना इतिहास खराब नहीं करना चाहते. हम पहले से आतंकवाद के खिलाफ हैं और आगे भी रहेंगे. सरकार के पास सभी संसाधन मौजूद हैं उनके विरुद्ध ऐसी कार्रवाई करें, जिससे देश का हर नागरिक गर्व महसूस करें.
On the Indus Water Treaty, farmer leader Naresh Tikait says “This is a wrong decision. The treaty should have continued. We are against this. We are farmers and every farmer needs water.”
(file pic) pic.twitter.com/aF93oawRNp
— ANI (@ANI) April 28, 2025
किसान नेता गुणी प्रकाश बोले- टिकैत को जेल भेजो
भारतीय किसान यूनियन मान गुट के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष और एमएसपी कमेटी के सदस्य गुणी प्रकाश ने नरेश टिकैत के बयान पर तीखी आलोचना करते हुए उन्हें जेल भेजने की मांग की है. यही नहीं उन्होंने नरेश टिकैत को देश का गद्दार बताया और देशद्रोह का मुकादम दर्ज करने की मांग करते हुए टिकैत परिवार को भेजने की वकालत की है.
क्या है सिंधु जल समझौते की अहमियत
साल 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता में कई दौर की बातचीत के बाद तात्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तानी जनरल अयूब खान के बीच सिंधु नदी जल समझौता हुआ था. इसके तहत भारत के जम्मू-कश्मीर और हिमालयी क्षेत्र से बहने वाली 6 नदियां सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास, सतलुज शामिल हैं. समझौते के तहत इन 6 नदियों का पानी पाकिस्तान पहुंचता है और पाकिस्तान 80 फीसदी इन नदियों का पानी इस्तेमाल करता है.
पाकिस्तान का पंजाब सूबा पूरी तरह से सिंधु नदी के पानी पर टिका है. इन नदियों के पानी से पाकिस्तान की 60 फीसदी से ज्यादा आबादी को जलापूर्ति होती है. जबकि, 160 लाख हेक्टेयर से अधिक खेती की सिंचाई होती है. पाकिस्तान में गन्ना, गेहूं, चावल, कपास समेत कई फसलें इन नदियों के पानी से सिंचाई पर निर्भर है. इसके अलावा सिंधु नदी के पानी से बनी बिजली से पाकिस्तान के कई लाख घरों का अंधेरा दूर होता है.