अंगूर खाना भला किसे पसंद नहीं है, लेकिन इसका स्वाद तब और ज्यादा बढ़ जाता है जब इसे अपने घर की बेल से तोड़कर खाया जाए. अगर आपको ये कोई सपना लग रहा है, तो यह सपना अब पूरा हो सकता है. अंगूर की बेल न केवल स्वादिष्ट फल देती है बल्कि यह आपके बगीचे या छत की रौनक भी बढ़ा देती है. अंगूर की बेल तेजी से बढ़ती है, सालों तक फल देती है और थोड़ी मेहनत और देखभाल से अच्छी उपज देती है. तो आइए जानते हैं घर पर कैसे लगाएं अंगूर की बेल.
अंगूर की किस्में
अंगूर की मुख्य तीन किस्में होती हैंटेबल ग्रेप्स (खाने वाले), वाइन ग्रेप्स (शराब बनाने वाले), और ड्राय फ्रूट ग्रेप्स (किशमिश या मुनक्का बनाने वाले). टेबल ग्रेप्स अकसर बिना बीज के होते हैं और गर्मियों में मीठे-रसदार फल देते हैं. वाइन ग्रेप्स का स्वाद अलग-अलग होता है और ये मुख्य रूप से शराब बनाने के लिए उगाए जाते हैं. ड्राय फ्रूट ग्रेप्स सुखाकर किशमिश या मुनक्का बनाने के लिए अच्छे माने जाते हैं.
अंगूर की खेती कैसे शुरू करें
सही जगह चुनें
अंगूर की बेल धूप पसंद करती है, इसलिए किसी ऐसी जगह लगाएं जहां पूरे दिन भरपूर धूप मिले. अगर जमीन में नहीं लगाना चाहते तो बड़े गमले में भी उगा सकते हैं.
बेल को दें सहारा
अंगूर की बेलें ऊपर चढ़ती हैं, इसलिए पहले से कोई मजबूत जाली, तार या खंभा लगाकर रखें ताकि बेल उस पर चढ़ सके.
मिट्टी तैयार करें
गड्ढा खुदाई के बाद उसमें जैविक खाद या गोबर की खाद मिलाएं. इससे पौधे को अच्छी शुरुआत मिलेगी. अगर गमले में लगा रहे हैं तो अच्छी क्वालिटी की जैविक मिट्टी या पॉटिंग मिक्स डालें.
पानी और खाद का ध्यान रखें
शुरुआती हफ्तों में पौधे को सप्ताह में दो बार पानी दें. गर्मियों में जब फल आना शुरू हों तब नियमित पानी देना जरूरी होता है. वसंत में जैविक खाद दें ताकि बेल मजबूत हो.
छंटाई करना न भूलें
हर साल सर्दियों में बेल की अच्छी तरह से छंटाई करें ताकि नए मौसम में बेहतर फल आएं.
अंगूर की कटाई
अंगूर की बेल में शुरू के 1-2 साल तक फल नहीं लगते. तीसरे साल से अच्छे गुच्छे आने लगते हैं. फल को कैंची से गुच्छे सहित काटें. पूरी तरह मीठे और रसदार लगें तभी काटें. लेकिन ध्यान दें कि अगर शुरू में कुछ फल आ जाएं तो उन्हें हटा देना बेहतर होता है ताकि पौधे की ताकत जड़ों में जाए.
रोगों से बचाव
अंगूर की बेल में पत्तों और फलों पर फफूंदी या कीड़े लग सकते हैं. गर्मियों में ज्यादा नमी न होने दें और हवा चलने का रास्ता खुला रखें. पत्तियों की सफाई करें और जरूरत पड़ने पर जैविक कीटनाशक छिड़कें. पक्षियों से फसल बचाने के लिए बेल को नेट से ढक सकते हैं या गुच्छों पर जाली बैग बांध सकते हैं.