किसानों को सस्ती दर पर खाद उपलब्ध कराने के लिए सब्सिडी को मंजूरी दे दी है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खरीफ 2025 सीजन के लिए फॉस्फेटिक और पोटाशिक उर्वरकों पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों को मंजूरी दी है. इसके लिए 37,216 करोड़ रुपये सब्सिडी के रूप में खर्च होंगे. केंद्र के इस फैसले से देश के लाखों किसानों को सस्ती दरों पर खाद मिलती रहेगी.
डीएपी की 50 किलो की बोरी का दाम
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कैबिनेट निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा सुनिश्चित किया है कि किसानों पर बोझ न पड़े. इसके लिए डीएपी की कीमत 1350 रुपये प्रति 50 किलोग्राम बैग पर बनी रहे. इसके लिए केंद्र सरकार ने खाद सब्सिडी को मंजूरी दे दी है.
खाद सब्सिडी के लिए 37 हजार करोड़ खर्च होंगे
उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने खरीफ 2025 सीजन के लिए फॉस्फेटिक और पोटाशिक उर्वरकों पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों को मंजूरी दी है. इसके लिए 37,216.15 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है, जो सब्सिडी के रूप में खर्च होंगे. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस फैसले से लाखों किसानों को लाभ होगा. उन्हें किफायती और उचित मूल्य पर उर्वरक मिल सकेंगे.
कोसी-मेची नदी जोड़कर सिंचाई बेहतर करेंगे
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कोसी नदी पूरे बिहार राज्य में बहने वाले पानी का एक प्रमुख स्रोत है और कोसी नदी के पानी को मेची नदी से जोड़ने के लिए 6,282 करोड़ रुपये की एक बड़ी परियोजना को मंजूरी दी गई है. उन्होंने कहा कि कोसी मेची अंतर-राज्यीय लिंक परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना- त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (PMKSY-AIBP) के अंतर्गत सम्मिलित करने की मंजूरी दी है.
बाढ़ से बर्बाद होने वाली फसलों को बचाया जाएगा
इस नदी जोड़ो परियोजना से सिंचाई और आर्थिक लाभ बहुत अधिक होंगे. इस परियोजना से भारी आर्थिक लाभ होगा और आपदा प्रबंधन में महत्वपूर्ण सहायता मिलेगी. बाढ़ की चपेट में आकर बर्बाद होने वाली फसलों को बचाया जा सकेगा. इसके अलावा बाढ़ से खराब होने वाली मिट्टी को बचाने में भी मदद मिलेगी. जबकि, दोनों नदियों के पानी को सिंचाई सुविधाओं को बेहतर करने में इस्तेमाल किया जाएगा.
सरकारी कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाई
केंद्रीय कैबिनेट ने सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा कर दिया है. कैबिनेट ने 1 जनवरी 2025 से केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत की एक अतिरिक्त किस्त जारी करने को मंजूरी दे दी है. जो मूल वेतन, पेंशन के मौजूदा 53 फीसदी की दर से 2 फीसदी अधिक है.