खरीफ फसलों की बुवाई से पहले मिट्टी की जांच जरूरी, इन विधियों से करें सॉइल टेस्टिंग

बढ़ती महंगाई और बाजार में बढ़ती मांग के कारण किसान अकसर बिना सही जानकारी के अपने खेत की मिट्टी में केमिकल फर्टीलाइजर्स का इस्तेमाल करता है. केमिकल फर्टीलाइजर्स के जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल से मिट्टी खराब हो सकती है.

नोएडा | Updated On: 25 Apr, 2025 | 07:18 PM

बढ़ती महंगाई और बाजार में बढ़ती मांग के कारण किसान अकसर बिना सही जानकारी के अपने खेत की मिट्टी में केमिकल फर्टीलाइजर्स का इस्तेमाल करता है. केमिकल फर्टीलाइजर्स के जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल से मिट्टी खराब हो सकती है. ऐसे में जरूरी है कि किसान किसी भी फसल को लगाने से पहले अपने खेत की मिट्टी की अच्छे से जांच कर लें. मिट्टी में कौन से पोषक तत्व मौजूद हैं और मिट्टी में किन फसलों को लगाना उपयुक्त होगा. इसका पता तभी चल सकेगा जब मिट्टी की जांच होगी. तो चलिए इस खबर में बात कर लेतें हैं कुछ विधियों की जिनके इस्तेमाल से आसानी से मिट्टी की जांच हो सकेगी. साथ ही किसान का भी नुकसान होने से बच जाएगा.

इन विधियों से करें मिट्टी की जांच

  • किसान अपने खेती की मिट्टी की जांच के लिए एक एकड़ क्षेत्र में 8 से 10 जगहों में वी (V) के आकार के 6 से 9 इंच गहरे गड्ढे बना लें. ऐसा करने के बाद खुरपी की मदद से बनाए गए गड्ढों को किनारे से 1 से 2 सेमी मिट्टी की मोटी परत को एस साफ थैले में रख लें.
  • सभी 8 से 10 जगह बनाए गए गड्ढों से किसान इसी तरह मिट्टी इकट्ठी करने के बाद सभी जगह की मिट्टी को एकसाथ मिला लें. मिट्टी में मौजूद कंकड़, पत्थर, घास, पत्ती आदि को निकाल लें.
  • इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद इकट्ठा किए गए मिट्टी के ढेर को गोलई में बिछाकर उसे चार हिस्सों में बांट लें. बांटे गए चार हिस्सों में से दो हिस्सों को आमने-सामने रख लें. बाकी बचे हुए दो हिस्सों को फेंक दें.
  • अब बचे हुए मिट्टी के नमूनों को छाया में सुखा लें. जब मिट्टी का नमूना अच्छे से सूख जाए तब उसे एक थैले में भर दें. इसके बाद एक पेज पर किसान का नाम, पिता का नाम, गांव का नाम, खाता नंबर, खसरा नंबर, पहले उपजाई गई फसल, आगे कौन सी फसल लगानी है , उसकी सारी जानकारी लिख दें , साथ ही यह भी लिखें कि मिट्टी की जांच करने का उद्देश्य भी लिखें. इसके बाद नमूने वाले थैले को प्रयोगशाला में भेज दें.

नमूना लेने से पहले इन बातों का रखें ध्यान

मिट्टी की जांच कराने के लिए नमूना लेने से पहले किसान यह सुनिश्चित कर लें कि उन्होंने सही तरह से मिट्टी का नमूना इकट्ठा करें. इसके साथ ही केवल सही तरह से मिट्टी का नमूना इकट्ठा करना ही काफी नहीं है बल्कि मिट्टी को सॉइल टेस्ट लैब तक भी सही तरीके से पहुंचाना भी जरूरी होता है. किसान को इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि अगर मिट्टी का नमूमा गलत है तो मिट्टी की जांच का नतीजा भी गलत आएगा.

Published: 25 Apr, 2025 | 07:18 PM