जब बात जमीन और जमीनी हक की हो, तो किसान की आवाज सबसे ज्यादा मायने रखती है. इसी विचारों के साथ भारतीय किसान संघ का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव से मिला और किसानों की चिंता को सीधे सरकार के सामने रखा.
ये मुलाकात उस समय हुई है जब सरकार ने विधानसभा में “भू-अधिग्रहण संशोधन ड्राफ्ट” पारित किया है, जिससे वजह से किसानों में कई सवाल और आशंकाएं पैदा हो गई हैं. किसानों की तरफ से साफ कहा गया कि बिना उनकी सहमति और सलाह के कोई भी जमीन अधिग्रहित न की जाए. किसानों का मानना है कि सरकार कोई भी फैसला ले, तो जमीन देने वाले किसानों से पहले बात जरूर करें.
किसान की जमीन, किसान की मर्जी
भारतीय किसान संघ ने मुख्यमंत्री के सामने स्पष्ट शब्दों में 16 अहम सुझाव रखे, जिसमें कहा गया कि अगर जमीन ली भी जाती है तो तय समय में परियोजना पूरी हो. अगर ऐसा नहीं होता तो जमीन या तो वापस की जाए या किसानों को बाजार मूल्य के हिसाब से पूरा मुआवजा दिया जाए.
इसी के साथ किसानों ने भावुक होते हुए कहा कि “जमीन सिर्फ कागज का टुकडा नहीं, किसान की मेहनत और परिवार की विरासत होती है.”
आदिवासी इलाकों और छोटे किसानों का रखें ध्यान
किसान संघ ने यह भी कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान से छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए. छोटे किसानों की स्थिति को देखते हुए, उन्होंने मांग की कि अगर किसी की पूरी जमीन ले ली जाती है तो परियोजना पूरी होने तक उन्हें किराया दिया जाए. इसके साथ हीमांग की गई कि भूमि अधिग्रहण से प्रभावित परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी दी जाए, ताकि उनका और उसके परिवार का भविष्य सुरक्षित रह सके.
सरकार को मिले सुझाव
सरकार के अधिकारियों ने भले ही अधिग्रहण संशोधन ड्राफ्ट का प्रजेंटेशन दिया, लेकिन किसान संघ अधिकारियों के तर्कों से संतुष्ट नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि जब तक जमीनी हकीकत को समझकर फैसला नहीं लिया जाएगा, तब तक किसानों का विश्वास नहीं बन पाएगा.
कर्ज में डूबे किसानों को राहत
मुख्यमंत्री से मुलाकात में एक और अहम मुद्दा डिफॉल्टर हुए किसानों का भी उठा. जो किसान सहकारी बैंकों से लिए गए ऋण को 31 मार्च 2025 तक चुका नहीं पाए, उनके ब्याज को लेकर मुख्यमंत्री से गुजारिश की गई. मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि ऐसे किसानों का ब्याज सरकार भरेगी, जिससे हजारों परिवारों को राहत मिलेगी.
बैठक में कौन-कौन रहे मौजूद
इस अहम बैठक में किसान संघ के शीर्ष पदाधिकारी मौजूद थे-राम भरोस वासोतिया (अखिल भारतीय उपाध्यक्ष), महेश चौधरी (क्षेत्र संगठन मंत्री), राघवेंद्र सिंह पटेल (प्रचार प्रमुख), कमल सिंह आंजना (प्रदेश अध्यक्ष), चंद्रकांत गौर (प्रदेश महामंत्री) समेत अन्य वरिष्ठ सदस्य. वहीं, सरकार की ओर से मुख्यमंत्री कार्यालय के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, नगरीय विकास सचिव संजय कुमार शुक्ला और कृषि सचिव एम. सेलवेंद्रन भी उपस्थित रहे.