आजकल बाजार में एक ऐसा पनीर मिलने लगा है जो दिखने में एकदम असली लगता है, लेकिन असल में उसमें दूध की जगह कुछ और ही होता है. इसे नकली पनीर या सिंथेटिक पनीर भी कहा जाता है. ये पनीर असली दूध से नहीं, बल्कि वनस्पति तेल, स्टार्च और दूसरे रसायनों से बनाया जाता है. इसकी कीमत कम होती है, पर इसमें ना तो असली पनीर जैसा पोषण होता है और ना ही सेहत के लिए फायदेमंद चीजें.
सेहत के लिए क्यों खतरनाक है नकली पनीर?
नकली पनीर में ट्रांस फैट्स होते हैं, जो डॉक्टरों के अनुसार दिल की बीमारियों, स्ट्रोक और डायबिटीज का खतरा बढ़ाते हैं. इससे शरीर में सूजन और इंसुलिन रेजिस्टेंस जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं. ट्रांस फैट्स खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को बढ़ाते हैं और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को घटाते हैं, जिससे नसों में ब्लॉकेज होने की आशंका रहती है.
इसके अलावा, नकली पनीर खाने से पेट की समस्याएं जैसे अपच, उल्टी, दस्त और गैस भी हो सकती है. बच्चों और बुजुर्गों के लिए ये खासतौर पर नुकसानदेह है.
क्या आयोडीन टेस्ट से पता चलता है पनीर असली है या नकली?
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो में आयोडीन टेस्ट से पनीर की जांच की गई थी. इस टेस्ट में अगर पनीर में स्टार्च मिला हो, तो आयोडीन उसे नीला-काला कर देता है. यानी अगर रंग बदलता है, तो समझिए पनीर में मिलावट है. हालांकि, अगर किसी खाने में पहले से सोया प्रोडक्ट या कोई और चीज मिली हो, तो यह टेस्ट पूरी तरह काम नहीं करता.
नकली और असली पनीर में कैसे फर्क करें?
दूध की खुशबू: असली पनीर से हल्की-सी दूध की गंध आती है, जबकि नकली पनीर से कोई खास गंध नहीं आती.
बनावट: असली पनीर दानेदार और थोड़ा क्रम्बली (छरहरा) होता है, जबकि नकली पनीर रबर जैसा और चिपचिपा लगता है.
तलने पर रंग: असली पनीर को जब आप तवे पर सेंकते हैं, तो ये सुनहरा भूरा हो जाता है. नकली पनीर जल्दी पिघल जाता है या टूटने लगता है.
तुअर दाल टेस्ट: उबले हुए पनीर को ठंडे पानी में डालें और उसमें थोड़ी सी तुअर दाल मिला दें. 10 मिनट बाद अगर पानी का रंग हल्का लाल होने लगे, तो समझ जाएं कि पनीर में मिलावट है.
क्या नकली पनीर बेचना गैरकानूनी है?
भारत में नकली पनीर बेचना पूरी तरह गैरकानूनी नहीं है, लेकिन FSSAI (खाद्य सुरक्षा संस्था) के नियमों के अनुसार अगर इस पनीर को “नॉन-डेयरी” कहकर साफ तौर पर लेबल नहीं किया गया हो, तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है. यानी दुकानदार को पनीर की असल पहचान साफ-साफ बतानी होगी.
क्या करें उपभोक्ता?
अगर आप अपने और अपने परिवार की सेहत को लेकर सजग हैं, तो हमेशा दूध से बने ताजे पनीर को ही प्राथमिकता दें. बाजार में सस्ता पनीर देखकर तुरंत न खरीदें, पहले उसकी जांच करें, जरूरत हो तो घरेलू टेस्ट अपनाएं और जरूरी जानकारी जुटाएं.