अगर आप खेती से अच्छी कमाई करना चाहते हैं, तो मखमली इमली (वेल्वेट क्वीन इमली) एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है. यह दुर्लभ और पोषक तत्वों से भरपूर फल बाजार में ऊंची कीमत पर बिकता है. इसकी गहरी लाल-बैंगनी फली, मुलायम बनावट और मीठे-खट्टे स्वाद ने इसे एक अनोखी पहचान दी है. आम इमली की तुलना में यह भले ही कम प्रचलित हो, लेकिन इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और औषधीय गुण इसे सेहत के लिए बेहद फायदेमंद बनाते हैं. अगर आप स्वाद और सेहत दोनों का ख्याल रखना चाहते हैं, तो यह इमली आपके आहार में जरूर शामिल होनी चाहिए.
क्या है वेल्वेट क्वीन इमली?
वेल्वेट क्वीन इमली, तामरिंदस इंडिका (Tamarindus indica) प्रजाति का एक रूप है, जो मूल रूप से अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय (ट्रॉपिकल) क्षेत्रों से आता है. यह विशेष रूप से एशिया, भारत और दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में उगाई जाती है, इसे संरक्षित और एडवांस तकनीकों से विकसित किया जाता है.
इस इमली की सबसे खास पहचान इसका गहरा लाल-बैंगनी रंग है, जो इसमें मौजूद एंथोसाइनिन (Anthocyanins) नामक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट की वजह से होता है. यही तत्व इसे बेहद पौष्टिक और औषधीय गुणों से भरपूर बनाते हैं.
स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
वेल्वेट क्वीन इमली में प्रचुर मात्रा में एंथोसाइनिन होते हैं, जो शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं. यह हृदय रोग और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम कर सकती है. इसमें मौजूद प्राकृतिक यौगिक गठिया (आर्थराइटिस) और अन्य सूजन संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने में सहायक होते हैं. साथ ही इसमें मौजूद फाइबर पाचन को सुधारता है और कब्ज की समस्या को दूर करता है.
कम लागत, ज्यादा मुनाफा
मखमली इमली के पेड़ लगाने के 3 से 4 साल बाद फल देना शुरू कर देते हैं. मखमली इमली की बाजार में 400 से 500 रुपये प्रति किलो तक की कीमत मिलती है. यदि कोई किसान 20 पेड़ लगाता है, तो फल देने के बाद वह 2 लाख रुपये या उससे अधिक की कमाई कर सकता है. यह एक लाभदायक खेती है, जिसमें कम मेहनत और कम देखभाल के बावजूद अच्छे रिजल्ट मिलते हैं.