धान की खेती को बर्बाद कर देते हैं ये खतरनाक कीट, जानिए कैसे करें बचाव

ये कीट पत्तियों को खुरचकर खाते हैं. इसके साथ ही धागे से पत्तियों को मोड़ देते हैं. इससे पत्तियां सफेद और झुलसी हुई दिखती हैं, जिससे फसल की ग्रोथ प्रभावित होती है.

नई दिल्ली | Published: 23 Apr, 2025 | 02:42 PM

कृषि क्षेत्र में धान की फसल को कीड़ों से होने वाला नुकसान एक गंभीर समस्या है. अगर समय रहते कीड़ों की पहचान और उन्हें नियंत्रित न किए जाए तो तो पूरी फसल बर्बाद हो सकती है. ज्यादातर किसान धान में लगने वाले कीड़ों और उनकी रोकथाम के उपायों से अनजान होते हैं, जिसके चलते फसल को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. आइए जानते हैं कि किसान धान की फसल में लगने वाले प्रमुख कीड़ों और उनके कंट्रोल कैसे कर सकते हैं?

फसल में लगने वाले प्रमुख कीड़े

तने पर लगने वाले कीड़े

इस कीड़े की सूंडियां पौधे के तने को अंदर से खाकर नुकसान पहुंचाती हैं. बाली आने से पहले इसे “डेड हार्ट” और बाद में “सफेद बाली” के रूप में पहचाना जाता है. यह कीड़े पौधे की ग्रोथ अवस्था में बालियों को बनने से रोकते हैं या बालियों को सूखाकर दाने खोखले कर देते हैं.

पत्तियों पर लगने वाले कीड़े

ये कीट पत्तियों को खुरचकर खाते हैं. इसके साथ ही धागे से पत्तियों को मोड़ देते हैं. इससे पत्तियां सफेद और झुलसी हुई दिखती हैं, जिससे फसल की ग्रोथ प्रभावित होती है.

फसल पर लगने वाले प्रमुख कीट

हरा फुदका

हरे रंग का यह कीड़ा पत्तियों से रस चूसता है, जिससे पत्तियां पीली और कत्थई होकर सूखने लगती हैं. ये कीड़ा हर तरह से फसल के लिए नुकसान दायक होता है. इसके बच्चे और प्रौढ़ दोनों ही फसल को नुकसान पहुंचाते हैं.

भूरा फुदका

यह कीड़े पौधों के रस को चूसकर “हॉपर बर्न” नामक स्थिति पैदा करता है, जिसमें पौधे काले होकर सूख जाते हैं. इस कीड़े के बच्चे और बड़े दोनों ही हानिकारक होते हैं.

गंधी बग

यह कीड़े खेत में दुर्गंध फैलाता है और बालियों के शुरुआती दिनों में आने वाले दानों को चूसकर दाने खोखले कर देता है. प्रभावित दानों पर काले निशान बन जाते हैं.

सैनिक कीड़े

इस कीड़े पत्तियों और बालियों को चट कर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट देती हैं. ये दिन में किल्लों या दरारों में छिपी रहती हैं.

कीड़े कंट्रोल के उपाय

किसान नीचे दिए उपायों को अपनाकर धान की फसल को कीड़ों से बचा सकते हैं:

रोपाई के समय: पौधे के ऊपरी हिस्से को काटकर हटाएं ताकि तने को खराब करने वाले कीड़ों के अंडे नष्ट हो जाएं.

ऑर्गेनिक कंट्रोल: तने और पत्तियों को खराब करने वाले कीड़ों से बचाने के लिए किसान ट्राइकोग्रामा जपोनिकम या काइलेनिस का इस्तेमाल करें. प्रति एकड़ 40,000-60,000 की दर से 3-4 सप्ताह तक प्रयोग करें.

फेरोमोन ट्रैप: किसान खेतों में प्रति एकड़ के हिसाब से 2-3 ट्रैप लगाएं और उसे हर 15-20 दिन में ल्योर बदलें.

खेत की सफाई: मेड़ों पर उगी घास और खरपतवार को जलाकर नष्ट करें. बची हुई फसलों को भी नष्ट करें.

समय पर रोपाई: साप्ताहिक निगरानी करें और बासमती या संकर किस्मों में 20 पंक्तियों के बाद एक पंक्ति छोड़कर रोपाई करें.

पानी का सही प्रबंधन: अच्छे जल निकास की व्यवस्था करें. रस्सी से पौधों के ऊपर तेजी से गुजारने पर सूंडियां पानी में गिरकर बह जाती हैं.

ऑर्गेनिक खाद: बुवाई से पहले 4 क्विंटल नीम की खली प्रति एकड़ खेत में मिलाएं. बिवेरिया बैसियाना जैविक कीड़ेनाशी को गोबर की खाद के साथ मिलाकर इस्तेमाल करें.