देश में गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता को बनाए रखते हुए केंद्र सरकार ने गुरुवार को स्टॉक सीमा पर एक नया और संशोधित आदेश जारी किया है. इसके तहत व्यापारियों के लिए अधिकतम मात्रा को 75 प्रतिशत घटाकर तत्काल प्रभाव से 1,000 टन से केवल 250 टन कर दिया गया है. चूंकि व्यापारियों को 250 टन से अधिक अतिरिक्त स्टॉक को उतारने के निर्देश का पालन करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है. इसलिए 31 मार्च तक के आदेश की वैधता के कारण इसे 5 मार्च के बाद ही लागू किया जा सकेगा.
तो इसलिए लिया बड़ा फैसला
केंद्र ने कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं और प्रसंस्करण करने वालों के लिए गेहूं भंडारण की सीमा सख्त कर दी. सरकार ने साथ ही कहा कि देश में खाद्यान्न का पर्याप्त भंडार है. गेहूं की नई फसल की कटाई मार्च के अंत से शुरू होती है. सरकार की तरफ से बताया गया है कि 31 मार्च तक लागू रहने वाली संशोधित भंडारण सीमा के अनुसार व्यापारी/थोक विक्रेता केवल 250 टन गेहूं रख सकते हैं. पहले के मानदंड के अनुसार यह सीमा 1,000 टन थी. खुदरा विक्रेताओं के लिए भंडारण की सामा को पांच टन से घटाकर चार टन कर दिया गया है.
गेहूं का उत्पादन बढ़ा
सरकार की तरफ से यह सख्ती एसेंशियल कमोडीटीज एक्ट यानी आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत केंद्र सरकार को दी गई शक्तियों के तहत की गई है. गौरतलब है कि कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कहा है कि इस साल देश में गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन होगा. कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि देश में इस साल गेहूं की अच्छी फसल होगी. उनकी मानें तो ज्यादा रकबे में खेती और अनुकूल मौसम की स्थिति के कारण भारत में चालू रबी सत्र के दौरान गेहूं की अच्छी फसल होने की उम्मीद है.
स्टॉक पर रखी जा रही नजर
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं और प्रसंस्करणकर्ताओं के लिए गेहूं की स्टॉक रखने की सीमा को कड़ा किया गया है. विभाग ने यह भी कहा कि देश में खाद्यान्न का पर्याप्त भंडार है. वह कीमतों को नियंत्रित करने और देश में आसानी से उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गेहूं की स्टॉक स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है.