तेलंगाना रायथु संघम ने राज्य सरकार से खम्मम जिले के किसानों को भुगतान किए जाने वाले 64.41 करोड़ रुपये के धान बोनस को तुरंत जारी करने की मांग की है. संघम नेताओं ने शुक्रवार को जिले के वायरा तहसीलदार कार्यालय पर ऋण माफी प्रक्रिया को पूरा करने और धान बोनस जारी करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. इस अवसर पर बोलते हुए संघम के जिला सचिव बोंथु रामबाबू ने कहा कि बढ़िया किस्म के धान के लिए घोषित बोनस पिछले दो महीनों से किसानों के बैंक खातों में जमा नहीं हुआ है.
बैंक के चक्कर काटने को मजबूर
तेलंगाना टुडे की रिपोर्ट के अनुसार खम्मम जिले में 23,244 किसान 64.41 करोड़ रुपये के धान बोनस की राशि का इंतजार कर रहे हैं. अकेले वायरा मंडल में ही करीब 3,115 किसानों को 9.45 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना है. किसान हर दिन बैंकों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. किसानों का कहना है कि कांग्रेस के मंत्री बार-बार घोषणा कर रहे थे कि तीन एकड़ से कम जमीन वाले किसानों को रायथु भरोसा का फायदा मिलेगा. लेकिन अब एक एकड़ जमीन होने पर एक कुंटा और दो एकड़ जमीन होने पर दो कुंटा रायथु भरोसा की राशि उनके बैंक खाते में जमा हो रही है.
सरकार से मांगा जवाब
जब किसान राजस्व और कृषि कार्यालयों में यह जानने के लिए गए कि उनकी जमीन सरकारी रिकॉर्ड में है या नहीं, तो उन्हें कोई जवाब देने वाला नहीं था. किसानों का कहना है कि न ही तो दो लाख रुपये से ज्यादा का कर्ज लेने वाले और न ही दो लाख रुपये से कम लेने वाले किसानों को फसल ऋण माफी का फायदा मिल सका है.
किसानों ने मांग की है कि राज्य सरकार को धान बोनस, रायथु भरोसा और फसल ऋण माफी पर स्थिति साफ करनी होगी. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से जो कैश ट्रांसफर स्कीम हैं, वो अब किसानों के लिए नई तरह की परेशानियां लेकर आ रही हैं.
इन सबसे अलग तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने जनवरी में इस पर एक बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार 31 मार्च तक रायथु भरोसा के तहत सभी लाभार्थी किसानों को सुनिश्चित राशि और इंदिराम्मा आत्मीय भरोसा के तहत भूमिहीन कृषि श्रमिकों को 6,000 रुपये के भरण-पोषण भत्ते की पहली किस्त जमा करने के लिए प्रतिबद्ध है.