प्‍याज की बंपर फसल के बाद कीमतें गिरने का अंदेशा, कम दाम मिलने से किसान परेशान, क्‍या बोले कृषि मंत्री

इस साल प्याज का बंपर उत्पादन होने की संभावना है. बुवाई क्षेत्र में वृद्धि के चलते इस साल प्याज की कीमतों में भारी गिरावट आ सकती है. इससे माना जा रहा है कि किसानों को दाम भी बहुत कम मिलेंगे.

New Delhi | Published: 28 Feb, 2025 | 05:56 PM

पिछले साल तक प्‍याज की कीमतों ने आम जनता को जमकर परेशान किया हुआ था. लेकिन अब इसी प्‍याज की कीमतें धीरे-धीरे कम होती जा रही हैं. प्‍याज की बंपर फसल और इसकी लुढ़कती कीमतों की वजह से किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. कृषि मंत्रालय की तरफ से भी रबी सीजन की कुछ खास फसलों की बुवाई से जुड़ें आंकड़ें जारी किए गए हैं. इन आंकड़ों पर अगर यकीन करें तो इस बार प्‍याज की बुवाई के साथ ही इसके रकबे में बढ़ोतरी की बात कही गई है. इससे संकेत मिल रहा है कि इस साल प्याज का बंपर उत्पादन होने की संभावना है. बुवाई क्षेत्र में वृद्धि के चलते इस साल प्याज की कीमतों में भारी गिरावट आ सकती है. इससे माना जा रहा है कि किसानों को दाम भी बहुत कम मिलेंगे.

प्‍याज के किसान हुए परेशान

यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब महाराष्‍ट्र, मध्य प्रदेश और बाकी प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में किसानों को उनकी उपज के लिए बेहद कम कीमतें मिल रही हैं. हालांकि, कुछ राज्यों की मंडियों में किसानों को थोड़े बेहतर दाम भी मिल रहे हैं जिससे उन्हें कुछ हद तक मुनाफा हो रहा है. केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार, इस बार रबी सीजन में 10.29 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज की बुवाई हुई है. यह पिछले साल की तुलना में 1.66 लाख हेक्टेयर ज्‍यादा है. रकबे में हुई इस बढ़ोतरी से प्याज के उत्पादन में भारी इजाफा होने की संभावना है.

इस साल बढ़ेगा उत्‍पादन

हालांकि, मौसम और मानसून की परिस्थितियों का फसल पर कुछ हद तक असर पड़ सकता है. कृषि मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक साल 2024-25 में प्याज का उत्पादन पिछले साल की तुलना में 19 फीसदी से बढ़कर 288.77 लाख टन तक पहुंच सकता है, जबकि 2023-24 के सीजन में यह 242.67 लाख टन था. मौजूदा सीजन जून 2025 तक जारी रहेगा. कृषि मंत्रालय के अनुसार, इस बार रबी मौसम के लिए प्रमुख उत्पादक राज्यों में प्याज और आलू की बुवाई की स्थिति 21 फरवरी 2025 तक पिछले साल की तुलना में बेहतर है.

क्‍या है आलू, टमाटर का हाल

अब तक आलू की बुवाई 19.82 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में और टमाटर की बुवाई 2.41 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हो चुकी है. सरकार के मुताबिक मौजूदा बाजार में अच्छी कीमतों को देखते हुए सामान्य बुवाई क्षेत्र हासिल करने की उम्मीद है. कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये एक मीटिंग की. इस दौरान उन्होंने फसलों की बुवाई, उपार्जन, मौसम और जलाशयों की स्थिति की जानकारी लेने के साथ ही उपज के थोक और खुदरा मूल्यों की समीक्षा की.