मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में एक और बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अगुवाई में राज्य सरकार ने गेहूं खरीदी के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, साथ ही किसानों को 175 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस भी दिया जाएगा. इस तरह, मध्य प्रदेश में गेहूं की सरकारी खरीदी 2600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से की जाएगी. माना जा रहा है कि सरकार के फैसले से किसानों को काफी मदद मिलेगी जिससे उनकी मेहनत का उचित दाम उन्हें मिल सकेगा.
क्यों बदली गई गेहूं खरीदी की तारीख?
सरकार ने किसानों की मांग को ध्यान में रखते हुए गेहूं खरीदी की तारीखों में भी बदलाव किए है. पहले यह प्रक्रिया 1 मार्च 2025 से शुरू होने वाली थी, तो वहीं अब इसे 15 मार्च 2025 से शुरू किया जाएगा. खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के अनुसार, इस साल गेहूं की फसल की कटाई में देरी हुई है और मंडियों में आने वाले गेहूं में नमी अधिक देखी गई है. यही कारण है कि किसानों की मांग को ध्यान में रखते हुए गेहूं खरीद की तारीख को आगे बढ़ाया गया.
सरकार का मकसद किसानों को बिना किसी परेशानी के फसल बेचने की सुविधा देना है. साथ ही साथ यह सुनिश्चित करना है कि उन्हें फसल का उचित मूल्य मिल सके. सरकार के इस फैसले से किसानों को अपनी फसल की उचित देखभाल और गुणवत्ता बनाए रखने के लिए अधिक समय भी मिल सकेगा.
31 मार्च तक रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी
खरीदी प्रक्रिया में छोटे और सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी. इसके लिए स्लॉट बुकिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे वे अपनी फसल बिना किसी परेशानी के बेच सकेंगे. इसके अलावा, किसानों को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का भी उपयोग किया जा रहा है. ताकि अधिक से अधिक किसान इस योजना का लाभ उठाएं और अपनी मेहनत का सही दाम प्राप्त करें सके. ऐसे में अगर आप मध्य प्रदेश के किसान हैं और अपनी फसल सरकारी समर्थन मूल्य पर बेचना चाहते हैं, तो आपको 31 मार्च 2025 तक रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है.
खरीद केंद्रों पर किसानों के लिए सुविधाएं
किसानों की सुविधा का ध्यान रखते हुए राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि गेहूं खरीदी के दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो. किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए खरीद केंद्रों पर कई व्यवस्थाएं की जा रही हैं, जिनमें शामिल हैं:
* छाया के लिए शेड: ताकि किसान धूप से बच सकें.
* पीने का पानी और प्रतीक्षा कक्ष: किसानों को लंबा इंतजार न करना पड़े .
* बैठने की उचित व्यवस्था: टेबल, कुर्सी और दरियां उपलब्ध कराई जाएंगी.
* साफ-सफाई और शौचालय की सुविधा: ताकि किसानों को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े.
* बिजली और इंटरनेट सुविधा: जिससे खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके.
* सूचना बोर्ड पर जरूरी जानकारी: किसानों को उनकी फसल की खरीद से जुड़ी सभी जरूरी सूचनाएं दी जाएंगी.
इंदौर, उज्जैन, भोपाल संभाग में खरीदी शुरू
खाद्य मंत्री ने बताया कि इंदौर, उज्जैन, भोपाल और नर्मदापुरम संभाग में गेहूं खरीदी का कार्य शुरू कर दिया गया है. य काम पांच मई 2025 तक चलेंगे तो वहीं बाकी संभागों में 17 मार्च से गेहूं खरीदी का कार्य खरीदी केन्द्रों के माध्यम से किया जाएगा.
80 लाख मीट्रिक टन गेहूं उत्पादन!
प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग रश्मि अरुण शमी ने जानकारी दी कि इस साल राज्य में 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं उत्पादन होने की संभावना है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया की अब तक करीब 2.91 लाख किसानों ने गेहूं बेचने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करा लिया है. यह संख्या आने वाले दिनों में और भी बढ़ सकती है.