केंद्र सरकार की तरफ से शुक्रवार को कहा गया है कि उसने अप्रैल से शुरू होने वाले 2025-26 रबी विपणन सत्र के लिए 31 मिलियन टन गेहूं खरीद का लक्ष्य तय किया है. खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों ने फसल की स्थिति की समीक्षा के लिए राज्य के खाद्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. गौरतलब है कि जल्द ही गेहूं की कटाई का समय शुरू होने वाला है.
रिकॉर्ड उत्पादन का लक्ष्य
डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि विचार-विमर्श के बाद आगामी 2025-26 खरीद सत्र के लिए गेहूं खरीद का लक्ष्य 31 मिलियन टन, चावल का 7 मिलियन टन और मोटे अनाज का 1.6 मिलियन टन निर्धारित किया गया. कृषि मंत्रालय ने फसल वर्ष 2024-25 (जुलाई-जून) में 115 मिलियन टन गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है, इसके बावजूद खरीद का लक्ष्य कम रखा गया है.
क्या है आधिकारिक बयान में
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि शुक्रवार को राज्य खाद्य सचिवों के साथ एक मीटिंग हुई है. इस मीटिंग में गेहूं, धान और मोटे अनाज जैसी रबी फसलों के लिए खरीद लक्ष्य तय किया गया. सरकार की तरफ से राज्यों से आगामी खरीद सत्र में गेहूं और चावल की खरीद को अधिकतम करने के लिए सक्रिय कदम उठाने को कहा गया है. राज्यों से फसलों के विविधीकरण और आहार पैटर्न में पोषण बढ़ाने को प्रोत्साहित करने के लिए बाजरा की खरीद पर ध्यान केंद्रित करने को भी कहा गया.
कितनी तय हुई एमएसपी
अप्रैल से शुरू होने वाले 2025-26 रबी खरीद सत्र के लिए, गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. भारतीय खाद्य निगम (FCI) और राज्य एजेंसियां किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्त करने और कल्याणकारी योजनाओं की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए गेहूं की खरीद करती हैं. साल 2024-25 में, सरकारी गेहूं खरीद 30-32 मिलियन टन के लक्ष्य के मुकाबले 26.6 मिलियन टन तक पहुंच गई. हालांकि यह 2023-24 में खरीदे गए 26.2 मिलियन टन से अधिक है, लेकिन यह उस वर्ष के 34.15 मिलियन टन लक्ष्य से कम है.