कपास किसानों के दुश्मन 11 कीट.. चौपट कर देते हैं फसल, ऐसे पहचानें

इन 11 कीटों का हमला किसान की मेहनत को मिट्टी में मिला देता है. कपास की फसल कमजोर हो जाती है, उत्पादन घट जाता है और गुणवत्ता भी खराब हो जाती है. इनसे बचने और पहचानने का तरीका जानिए.

Noida | Updated On: 29 Mar, 2025 | 07:33 PM

गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों में कपास किसानों के लिए ये फसल सिर्फ एक खेती नहीं, बल्कि उम्मीद का धागा है. मगर इस धागे को कई कीट धीरे-धीरे कुतरते रहते हैं. ये छोटे-छोटे कीट पत्तियों को चट कर जाते हैं, फूलों को मुरझा देते हैं और पौधे को बर्बाद कर देते हैं. अब आप सोचिए, किसान पूरे सीजन खून-पसीना एक करके फसल उगाए और आखिरी वक्त पर कीट आकर मेहनत पर पानी फेर दें. ये कितनी बड़ी विडंबना है. ऐसे में, कपास की खेती करने वाले किसानों के लिए इन कीटों की पहचान और समय रहते नियंत्रण बेहद जरूरी हो जाता है. ये कीट न केवल फसल की गुणवत्ता को खराब करते हैं, बल्कि उपज में भी भारी गिरावट लाते हैं. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के मुताबिक, कपास की फसल को कई प्रकार के कीट नुकसान पहुंचाते हैं, तो चलिए, अब जानते हैं कपास को नुकसान पहुंचाने वाले खतरनाक कीटों के बारे में-

1. अमेरिकन सुंडी (American Bollworm)

अमेरिक सुंडी नाम सुनते ही समझ गए होंगे कि विदेशी है, मगर यह नुकसान देसी फसलों को करता है. यह कीट कपास के फूल और तने को खाकर फसल को बर्बाद कर देता है. इसका प्रकोप होने पर फसल का उत्पादन घट जाता है और गुणवत्ता भी खराब हो जाती है. जब कपास की फसल में अमेरिकन सूंडी का हमला होता है, तो सूंडी दस दिनों तक फूलों और डोडियों पर हमला करती रहती है. इससे फूल टूटकर नीचे गिरने लगते हैं. इसका असर यह होता है कि बोंड नहीं बन पाते, जिससे फसल कमजोर हो जाती है.

2. चित्तीदार कीड़ा (Spotted Bollworm)

यह कपास के बोंड में छेद कर अंदर घुसता है और बीज व रेशे को चट कर जाता है, जिससे बोंड समय से पहले गिरने लगते हैं और उत्पादन घट जाता है. ये कपास और भिंडी को नुकसान पहुंचाता है. चित्तीदार कीड़ा 20-25 दिन की फसल में कोमल तनों में सुरंग बनाकर उन्हें खोखला कर देता है, जिससे ऊपरी कोपलें मुरझाने लगती हैं और तीन-चार नई शाखाएं फूट निकलती हैं.

3. गुलाबी सुंडी (Pink Bollworm)

गुलाबी सुंडी की पहचान गुलाबी रंग से होती है, मगर इसका हमला किसी काले साए से कम नहीं. यह कपास के बोंड में घुसकर अंदर ही अंदर बीज और रेशे को चट कर जाती है. किसान को इसका पता तब चलता है, जब बोंड गलने लगते हैं. इसका वैज्ञानिक नाम Pectinophora gossypiella है. यह मुख्य रूप से फूल और बॉल पर हमला करता है, जिससे फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में भारी गिरावट आती है.

4. तंबाकू सुंडी (Tobacco Caterpillar)

तंबाकू सुंडी कीट कपास की पत्तियों पर हमला करती है और उन्हें तेजी से चट कर जाती है, जिससे पौधे की बढ़वार रुक जाती है और फसल कमजोर हो जाती है. शुरुआती अवस्था में शिशु इल्ली झुंड में पत्तियों का हरा भाग खाती है, जबकि बाद में सूंडी पुष्प गुच्छों, कलियों और कच्चे टिंडों को खाकर भारी नुकसान पहुंचाती है.

5. ब्लिस्टर बीटल (Blister Beetle)

ब्लिस्टर बीटल कीट कपास के फूलों पर हमला करता है. फूलों को खाकर उन्हें झड़ने पर मजबूर कर देता है. इससे फसल का उत्पादन घट जाता है और किसान को घाटा झेलना पड़ता है.

6. सलेटी भूंडी (Grey Weevil)

सलेटी भूंडी छोटा सा कीट होता है और यह कपास की पत्तियों को कुतर देता है, जिससे पौधा कमजोर हो जाता है और फसल का विकास थम जाता है. इसकी वजह से पत्तियां झड़ने लगती हैं, जिससे उपज पर सीधा असर पड़ता है. संक्रमित बीजकोष कमजोर होकर समय से पहले खुल जाते हैं या कटाई के दौरान टूट जाते हैं, जिससे फसल की गुणवत्ता और उत्पादन प्रभावित होता है.

7. सफेद मक्खी (Whitefl)

सफेद मक्खी कीट कपास की पत्तियों का रस चूसकर पौधे को कमजोर कर देती है. इसके अलावा, यह वायरस भी फैलाती है, जिससे फसल पर रोग लग जाते हैं और उत्पादन घट जाता है. सफेद मक्खी का प्रकोप होने पर पत्तियां सूखकर काली पड़ने लगती हैं. इसका आर्थिक क्षति स्तर 8-10 वयस्क प्रति पत्ती है. प्रभावित कपास पर लाल धब्बे आ जाते हैं और रूई निकालते समय बागों में मशीन से पिसने पर कपास की गुणवत्ता भी कम हो जाती है.

8. लाल बग (Red Bug)

यह लाल रंग का कीट कपास के बीजों का रस चूसता है, जिससे बीज कमजोर हो जाते हैं और उनमें तेल की मात्रा घट जाती है. इसका सीधा असर फसल की गुणवत्ता पर पड़ता है, जिससे बाजार में कपास का मूल्य घट जाता है. यह कीट बीजकोषों को छेदकर खाता है, जिससे बीजकोष को नुकसान पहुंचता है और लिंट (रूई) पर लाल दाग पड़ जाते हैं, जिससे कपास की गुणवत्ता खराब हो जाती है.

9. डस्की बग (Dusky Bug)

डस्की कीट कपास के बोंड में छेद करता है, जिससे बोंड धीरे-धीरे सड़ने लगते हैं और समय से पहले गिर जाते हैं. इसका सीधा असर फसल के उत्पादन और गुणवत्ता पर पड़ता है. डस्की कॉटन बग कपास के पौधों का रस चूसता है, जिससे पत्तियां और गुच्छे कमजोर होकर झड़ने लगते हैं. यह आमतौर पर भूरे या धूसर रंग का होता है, इसका शरीर त्रिकोणीय आकार का होता है और इसमें पारदर्शी पंख होते हैं.

10. हरा तेला (Green Jassid)

हरा तेला कीट छोटा होता है और यह पत्तियों का रस चूसता है, जिससे पत्तियां पीली पड़कर सिकुड़ जाती हैं. अधिक प्रकोप होने पर पत्ते सूखकर जमीन पर गिरने लगते हैं, जिससे पौधों की बढ़वार रुक जाती है और कलियां व फूल झड़ने लगते हैं. इसका सीधा असर फसल की उपज पर पड़ता है। हरा तेला जुलाई से अगस्त माह के दौरान कपास की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है.

11. मीली बग (Mealybug)

मीली बग कीट कपास के तनों और पत्तियों का रस चूसकर पौधों को कमजोर बना देता है, जिससे फसल का विकास रुक जाता है और उत्पादन में भारी गिरावट आती है. मीली बग कपास उत्पादन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है, क्योंकि इसकी संख्या तेजी से बढ़ती है और अधिक प्रकोप होने पर रासायनिक नियंत्रण भी मुश्किल हो जाता है.

किसानों के लिए बड़ा संकट

इन 11 कीटों का हमला किसान की मेहनत को मिट्टी में मिला देता है. कपास की फसल कमजोर हो जाती है, उत्पादन घट जाता है और गुणवत्ता भी खराब हो जाती है. यही वजह है कि किसानों को समय रहते इन कीटों की पहचान और उचित नियंत्रण उपाय अपनाने की जरूरत है.

Published: 30 Mar, 2025 | 08:10 AM